नई दिल्ली :राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने चित्रकूट में आयोजित चार दिवसीय चिंतन बैठक के दौरान न केवल बड़े बदलाव किए बल्कि राज्यों के लिए भी अलग से रणनीति तय की है. आम तौर पर प्रचार प्रसार से दूरी रखने वाले संघ ने अब इस पर पुनर्विचार किया है. संघ के कामों को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए अब सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाई जाएगी और इसके लिए बाकायदा एक आईटी सेल भी बनाया जाएगा जिसमें पेशेवर लोगों की नियुक्ति होगी. 9 जुलाई को शुरू हुए चिंतन शिविर का समापन मंगलवार को हुआ और इन पांच दिनों में कई नई बातें सामने आई हैं.
राम मंदिर निर्माण से लेकर उत्तर प्रदेश चुनाव और सियासत पर भी हुई चर्चा
हाल में अयोध्या राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्माण में जमीन की खरीद पर कई चर्चाएं सामने आईं और विपक्षी पार्टियों ने ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए. बताया जाता है कि इन सभी विषयों पर संघ की न केवल नजर है बल्कि चिंतन शिविर में इस पर चर्चा भी हुई. संघ ने कृष्ण गोपाल और भैयाजी जोशी को तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिन्दू परिषद के साथ समन्वय रखने की जिम्मेदारी दी है.
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भी रणनीति तैयार कर ली गई है.
संघ न केवल बंद पड़ी शाखाओं को जल्द सक्रिय करेगा बल्कि अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए शाखाओं में बढ़ोतरी भी करेगा. प्रदेश में कोरोना काल में संघ के द्वारा किये राहत कार्यों के बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जाने, इस बात पर भी चर्चा हुई है. संघ अब काम के साथ-साथ प्रचार-प्रसार पर भी पहले से ज्यादा ध्यान देगा.
पश्चिम बंगाल पर विशेष ध्यान, तीन खंड में बांटा गया और संगठन में भी बदलाव
हाल में सम्पन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम पर भी संघ के चिंतन बैठक में विशेष चर्चा हुई. बता दें कि 2014 से ही संघ बंगाल में अपनी पैठ बढ़ाने में जुटा रहा है. पश्चिम बंगाल के हर घर तक पहुंचने का लक्ष्य भी तय किया गया था. संघ ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लगातार प्रयास किये लेकिन इसके बाद भी परिणाम अनुकूल नहीं आए. लेकिन अब तय किया गया है कि संघ और ज्यादा शक्ति के साथ बंगाल में काम करेगा.
इसके लिए पश्चिम बंगाल को तीन भाग में विभाजित किया गया है- दक्षिण, मध्य और उत्तर बंगाल. इनके मुख्यालय क्रमशः कोलकाता, वर्धमान और सिलीगुड़ी होंगे. बंगाल में संगठनात्मक जिम्मेदारियों में भी बदलाव किये गए हैं.