नागपुर : ज्ञानवापी का मुद्दा चल रहा है. इतिहास तो है जिसे हम बदल नहीं सकते. इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, ये उस समय घटा. हमलावरों के जरिए इस्लाम बाहर से आया था. उन हमलों में भारत की आजादी चाहने वालों का मनोबल गिराने के लिए देवस्थानों को तोड़ा गया. ये बातें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र नागपुर में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहीं.
RSS चीफ मोहन भागवत बोले, 'हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों' - rss chief big statement
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को महाराष्ट्र के नागपुर में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है और उसी के अनुसार कुछ करना ठीक है, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?
उन्होंने कहा कि जहां हिंदुओं की भक्ति है, वहां मुद्दे उठाए गए. हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचते, मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे. यह उन्हें हमेशा के लिए स्वतंत्रता से दूर और मनोबल दबाने के लिए किया गया था. इसलिए हिंदुओं को लगता है कि (धार्मिक स्थल) को पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए. मन में कोई मुद्दे हों तो उठ जाते हैं. यह किसी के खिलाफ नहीं है. इसे ऐसा नहीं माना जाना चाहिए. मुसलमानों को ऐसा नहीं मानना चाहिए और हिंदुओं को भी ऐसा नहीं करना चाहिए. कुछ ऐसा है तो आपसी सहमति से रास्ता खोजें, लेकिन हर बार रास्ता नहीं निकल सकता, जिसके कारण लोग अदालत जाते हैं और अगर ऐसा किया जाता है, तो अदालत जो भी फैसला करे उसे स्वीकार करना चाहिए. हमें अपनी न्यायिक प्रणाली को पवित्र और सर्वोच्च मानते हुए फैसलों का पालन करना चाहिए. हमें इसके फैसलों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.
आरएसएस चीफ ने कहा कि कुछ जगहों के प्रति हमारी अलग भक्ति थी और हमने उसके बारे में बात की लेकिन हमें रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए. हमें विवाद को क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है और उसी के अनुसार कुछ करना ठीक है, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों?