नई दिल्ली / श्रीनगर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वे पहले भी कह चुके हैं कि कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को जन जागरूकता के माध्यम से हल किया जाएगा और संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करना होगा. बकौल भागवत 2011 के बाद गत 11 वर्षों में, हमने सामूहिक प्रयास किए और इसी कारण अब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू नहीं है. भागवत ने नवरेह महोत्सव में कश्मीरी पंडितों (Navreh Mahotsav Mohan Bhagwat) को संबोधित करते हुए कहा, हम (कश्मीरी पंडित) पिछले 3-4 दशकों से अपने ही देश में अपने घर से विस्थापित होने का खामियाजा भुगत रहे हैं. उन्होंने कहा, यह जरूरी है कि हम इस स्थिति में हार स्वीकार न करें और चुनौतियों का सामना करें.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, मैंने पहले भी कहा था कि कश्मीरी पंडितों की समस्या के समाधान के लिए जन जागरूकता और आर्टिकल 370 जैसी बाधाओं को हटाना जरूरी है. उन्होंने कश्मीरी पंडितों के पलायन पर कहा, हमने कश्मीर चरमपंथ के कारण छोड़ा, लेकिन अब जब हम वापस लौटेंगे तो हमारे पास सुरक्षा और आजीविका का आश्वासन होगा. उन्होंने कहा कि अब कश्मीरी पंडित हिंदू और 'भारत भक्त' के रूप में वापस जाएंगे. बकौल भागवत, हम इस तरह से जिएंगे कि कोई हमें विस्थापित करने की हिम्मत न करे.
कश्मीर घाटी में पंडितों की जल्द वापसी की उम्मीद :आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को उम्मीद जताई कि आतंकवाद की शुरुआत के बाद 1990 के दशक में अपने घरों से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडित जल्द ही कश्मीर घाटी में अपने घर लौट आएंगे. भागवत ने नवरेह समारोह के आखिरी दिन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कश्मीरी हिंदू समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, मुझे लगता है कि वह दिन बहुत करीब है जब कश्मीरी पंडित अपने घरों में वापस आएंगे और मैं चाहता हूं कि वह दिन जल्द आए.
भागवत कश्मीर फाइल्स फिल्म पर भी बोले : विवेक अग्निहोत्री निर्देशित 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के संबंध में भागवत ने कहा कि इससे कश्मीरी पंडितों की पीड़ा की सच्ची तस्वीर और 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से उनके पलायन का खुलासा हुआ है. आरएसएस प्रमुख ने कहा, आज, हर भारतीय कश्मीरी पंडितों के पलायन की सच्चाई के बारे में जानता है. यही वह समय है जब कश्मीरी पंडितों को अपने घरों में इस तरह वापस जाना है कि वे भविष्य में फिर कभी उजड़ने की नौबत न आए. उन्होंने कहा, कश्मीरी पंडितों को अपने वतन लौटने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि जल्द ही हालात बदल सकें.