दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

इंफोसिस पर आरएसएस का हमला राष्ट्र-विरोधी, की जानी चाहिए निंदा : जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि आरएसएस ने अपने प्रकाशन के माध्यम से इन्फोसिस पर अपमानजनक हमला किया है जो कि निंदनीय और वास्तव में राष्ट्र-विरोधी है. दरअसल आरएसएस ने अपने मुखपत्र पांचजन्य में आयकर पोर्टल को लेकर इंफोसिस पर तीखा हमला किया था.

RSS
RSS

By

Published : Sep 3, 2021, 7:07 PM IST

नई दिल्ली :कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्विट किया कि इंफोसिस जैसी कंपनियों ने दुनिया में भारत की स्थिति को बदलने का काम किया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस का लेख सरकार से दोष हटाने का एक प्रयास है और इसकी तहे दिल से निंदा की जानी चाहिए. जयराम रमेश ने इसे राष्ट्र-विरोधी भी करार दिया है.

दरअसल, माल और सेवा कर (जीएसटी) पोर्टल को बेंगलुरु स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस द्वारा विकसित किया गया है. भारत सरकार के नए आयकर पोर्टल के मुद्दों को लेकर आरएसएस से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य ने तीखा हमला किया है.

हालिया संस्करण के लिए पत्रिका की कवर स्टोरी इस बात पर है कि इन दो पोर्टलों को विकसित करने के लिए सरकार को प्रौद्योगिकी विक्रेता होने के नाते इंफोसिस ने निष्पादन को गड़बड़ कर दिया है. कवर में इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की तस्वीर के साथ लिखा- साख और आघात (प्रतिष्ठा और एक गंभीर नुकसान) है.

स्टोरी में आरोप लगाया गया है कि सार्वजनिक इंटरफेस और उपयोग के संदर्भ में पोर्टल और उनके परिचारक दोनों समस्याओं ने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है. जहां सरकार और उसकी कर संग्रह प्रणाली में विश्वास कम हो गया है. लेख में कहा गया है कि एक जानी-मानी सॉफ्टवेयर कंपनी को सरकार ने व्यवस्था को सरल बनाने का ठेका दिया लेकिन इसने मामले को उलझा दिया है. लेख में सवाल भी पूछा गया है कि क्या इंफोसिस अपने विदेशी ग्राहकों के लिए इसी तरह की घटिया सेवा प्रदान करेगी.

यह भी पढ़ें-164 करोड़ में इंफोसिस ने बनाया टैक्स पोर्टल, फिर टैक्स भरने में क्यों आ रही है दिक्कत ?

इससे दिलचस्प बात यह है कि लेख में आरोप लगाया गया कि इंफोसिस ट्रस्ट कई वामपंथी संगठनों को वित्तपोषित करता है. जिसमें कई संगठन, मीडिया पोर्टल शामिल हैं, जो खुले तौर पर मोदी सरकार के खिलाफ हैं. कंपनी कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के लिए उन्नत पोर्टल को संभाल रही है और लेख उस पोर्टल पर कंपनियों द्वारा अपलोड किए गए डेटा की सुरक्षा पर भी सवाल उठाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details