चेन्नई:आयकर विभाग ने बताया है कि पिछले पांच सालों में तमिलनाडु के दो उप-पंजीयक कार्यालयों में हुए 3,000 करोड़ रुपये के संपत्ति के लेनदेन का विवरण दिया ही नहीं गया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. आयकर विभाग के तमिलनाडु निदेशालय की खुफिया और अपराध जांच शाखा ने मंगलवार और बुधवार को तिरुचिरापल्ली जिले के उरैयुर में उप-पंजीयक कार्यालय (एसआरओ) और तिरुवल्लुर जिले के रेडहिल्स में एक अन्य एसआरओ कार्यालय में सर्वेक्षण किया.
विशेष रूप से, सरकारी और निजी कंपनियां जो सार्वजनिक धन का लेनदेन करती हैं, उन्हें हर साल आयकर विभाग को वित्तीय लेनदेन रिपोर्ट जमा करनी होती है. उसके आधार पर, इन दोनों उप-पंजीयक कार्यालयों में पिछले पांच वर्षों में जमा की गई वित्तीय लेनदेन रिपोर्ट की तुलना करने के बाद, और साथ ही इस उप-पंजीयक कार्यालय में पिछले पांच वर्षों में पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति के आयकर रिटर्न की तुलना की गई, जिसमें पता चला कि 30 लाख रुपये से अधिक की जमीन के बैनामे में करोड़ों रुपये का हिसाब न होना पाया गया.
रजिस्ट्रार, त्रिची वोरैयुर के कार्यालय में जांच के अंत में, यह पाया गया कि एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के भूमि विलेख पंजीकरण से संबंधित वित्तीय लेनदेन रिपोर्ट में कोई खाता नहीं दिखाया गया था. इसी तरह, रेडहिल्स रजिस्ट्रार कार्यालय में जब्त दस्तावेजों की जांच के दौरान आयकर खुफिया इकाई के अधिकारियों ने पाया कि 2000 करोड़ रुपये से अधिक के डीड पंजीकरण से संबंधित कोई भी खाता नहीं दिखाया गया था.