पटनाःआरआरबी (Railway Recruitment Board) एनटीपीसी (Non-Technical Popular Categories) के रिजल्ट में धांधली के आरोप के बाद पिछले तीन दिनों से बवाल की आग में जल रहे बिहार में अब हंगामे की हकीकत खुलने लगी है. रेलवे ने कमेटी गठन कर जांच के आश्वासन का पानी जैसे ही पड़ा आग धीरे-धीरे बुझने लगी. लेकिन चिंगारी को हवा देकर शोले में बदलने की कोशिशें भी खूब की गईं. बिहार के कई शहरों में रेलवे की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया. रेलवे अभ्यर्थियों के हंगामे ने देश के अलग-अलग हिस्सों में भी आवागमन पर प्रभाव डाला. खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने छात्रों से कानून अपने हाथ में ना लेने की अपील की.
बवाल की वजह?दरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा-2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे. इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष का मुद्दा छाया हुआ है. इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. ये विरोध बिहार और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा किया जा रहा है. मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, कई घण्टे तक रेलों को बाधित किया. हालांकि इस बीच रेल मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी पाने से जीवन भर के लिए बैन करने की चेतावनी भी दी.
छात्रों के हंगामे से हालात बेकाबू हुए तो पुलिस एक्शन में आई और हंगामा करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई. आंदोलन के लिए छात्रों को उकसाने और उन्हें हिंसा के प्रेरित करने के मामले में गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के बयान पर पटना वाले खान सर (Khan Sir) , एस के झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर, गोपाल वर्मा सर तथा बाजार समिति के विभिन्न कोचिंग संस्थानों के संचालकों के खिलाफ पटना के पत्रकारनागर थाना में मामला दर्ज किया गया. पत्रकार नगर थाना के थानेदार की शिकायत पर दर्ज इस FIR में चार गिरफ्तार छात्रों के अलावा पटना विभिन्न कोचिंग संचालकों और अज्ञात तीन-चार सौ लोगों के खिलाफ षड्यंत्र के तहत मजमा लगाकर सड़क मार्ग को बाधित करने, दंडाधिकारियों और पुलिसकर्मियों को अपमानित करने तोड़फोड़ करने और यातायात और लोकमार्ग को बाधित करने आदि के आरोप आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया.
पटना वाले खान सर पर भड़काने का आरोप लगा तो खान सर ने इन आरोपों अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने एक न्यूज एजेंसी को दिए गए बयान में कहा कि जो भी हुआ है गलत हुआ है, वो खुद छात्रों को समझाने में लगे थे. पूरा आंदोलन लीडरलेस था. इसमें कोई भी शिक्षक शामिल नहीं थे. छात्रों ने आक्रोश में आकर खुद ऐसा कदम उठाया. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि परीक्षा को लेकर रेलवे की तरफ से एकाएक जो बदलाव किए गए, वो सही नहीं हैं. प्रेस कांफ्रेंस करके पहले छात्रों को समझाना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे छात्र भड़क गए और उनको रोक पाना मुश्किल हो गया.
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कोचिंग संचालकों की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक पार्टियां भी आगे आ गईं हैं. हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि, छात्र आंदोलन को लेकर कई कोचिंग संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. ये उचित नहीं है. ऐसे समय में ये सब नहीं होना चाहिए खासकर खान सर पर जो मुकदमा दायर किया गया है वो ऐसे समय ठीक नहीं है. इससे आंदोलन को और हवा मिलेगी और आग में घी का काम करेगी. उन्होंने राज्य सरकार से कोचिंग संस्थान के शिक्षकों पर दर्ज मुकदमा को अविलंब वापस लेने का आग्रह किया है.
इस पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि रेल मंत्री ने सारी चीजों को स्पष्ट किया है. कमेटी का भी गठन हुआ है और छात्रों की तरफ से भी तार्किक ढंग से बातों को रखा गया है. ऐसे में अब छात्रों से हम लोगों की अपील है कि वह संयम बरतें. छात्रों की मांग पर जो राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंकना चाहते हैं. ऐसे दलों से बचने की जरूरत है. उन्होंने विपक्ष पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सलाह भी दी है कि, छात्रों की रोजगार से संबंधित मांगों को लेकर सरकार को गंभीरता से पहल करनी चाहिए.
पांच सदस्यी हाई पावर कमेटी गठित कर रेलवे ने इस मामले में शांति बरतने की अपील की है. पूर्व मध्य रेलवे ने आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा (RRB NTPC Exam) को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा बिहार और देश के अन्य हिस्सों में किए जा रहे उग्र प्रदर्शन को लेकर छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की. पूर्व मध्य रेलवे ने छात्रों की समस्या का निपटारा किए जाने का भी आश्वासन दिया. मध्य रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय हाई पावर कमेटी (Five Member High Power Committee) का गठन किया है. इसके माध्यम से छात्रों की मांगों को हाई कमेटी तक पहुंचाया जाएगा. सीपीआरओ ने रेलवे का पक्ष रखते हुए कहा कि पूरी परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से ली गई थी. लेकिन रिजल्ट के शॉर्टलिस्टिंग प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों के मन में कुछ भ्रातियां है, जिसके निराकरण के लिए रेलवे पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
2019 में निकाली गई वैकेंसी के दौरान जहां लोग 'कोरोना संकटकाल' में लोग रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, वहीं अब आरआरबी और एनटीपीसी के तहत निकाली गई वैकेंसी पर हंगामे के चलते ग्रहण लगता दिख रहा है. अभ्यर्थियों के हंगामे की वजह से सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति हुई है. वहीं छात्रों के विरोध के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों और रेलवे भर्ती बोर्ड के स्तर 1 की परीक्षाओं पर रोक लगा दी है. अभ्यर्थियों की सुनवाई के लिए एक समिति (Committee For Railway NTPC Exam) का गठन किया गया है. ये समिति जांच के बाद मंत्रालय को रिपोर्ट देगी.