दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

तीन सगी बहनों ने एक साथ पास की प्रशासनिक सेवा परीक्षा - राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा

मेहनत और लगन के बूते कठिन से कठिन लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है. हनुमानगढ़ (राजस्थान) जिले के एक छोटे से गांव की तीन सगी बहनों ने एक साथ आरएएस परीक्षा पास कर यह साबित कर दिखाया है. तीनों बहनों ने सफलता की नई इबारत लिखकर नया इतिहास भी रच दिया है. खास बात यह है कि ये अपनी दो बड़ी बहनों के नक्शे कदम पर चलकर अफसर बनी हैं.

प्रशासनिक सेवा परीक्षा
प्रशासनिक सेवा परीक्षा

By

Published : Jul 15, 2021, 11:05 PM IST

जयपुर :राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के एक किसान परिवार की बेटियों ने इतिहास रच दिया है. रावतसर तहसील के भैरूंसरी गांव के किसान सहदेव सहारण की तीन बेटियों ने एक साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा (RAS exam 2018) पास की है. इनकी दो बड़ी बहनें पहले ही आरएएस अधिकारी हैं. यह राजस्थान का पहला परिवार है, जिसकी पांच बेटियों ने आरएएस परीक्षा पास की है.

सहदेव सहारण किसान हैं. मां लक्ष्मी देवी गृहिणी हैं. रितू सहारण पांचों बहनों में सबसे छोटी हैं. रितु ने आरएएस परीक्षा 2018 में 945वीं रैंक हासिल की है. अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में रितु को 96वीं रैंक मिली है.

सुमन सहारण ने आरएएस परीक्षा 2018 में 915वीं रैंक प्राप्त की है जबकि इन्हें ओबीसी श्रेणी में 98वीं रैंक मिली है. अंशु सहारण ने 349 रैंक हासिल किया है. इन्हें ओबीसी श्रेणी में 31वीं रैंक मिली है.

एक साथ आरएएस अफसर बनने वाली तीन बहनों की बड़ी बहन रोमा सहारण 2010 में आरएएस परीक्षा पास कर चुकी हैं. यह इनके परिवार में पहली आरएएस अधिकारी थीं. रोमा झुंझुनूं के सूरजगढ़ में बीडीओ हैं. जबकि दूसरी बहन मंजू सहारण ने आरएएस परीक्षा 2017 पास की थी. वे सहकारिता विभाग नोहर में सेवाएं दे रही हैं.

तीनों बहनों का यह दूसरा प्रयास था. तीनों ही अभी ​अविवाहित हैं. किसान सहदेव की पांचों बेटियों की इस सफलता ने भैरुंसरी गांव और हनुमानगढ़ जिले का नाम पूरे प्रदेश में रोशन किया है. इस सफलता ने बेटियों को कम समझने वालों को भी करारा जवाब दिया है.

पढ़ें-RAS 2018 Result: उदयपुर की वर्षा ने हासिल की 73वीं रैंक, कड़ी मेहनत के बाद पाई सफलता

एक और दिलचस्प बात यह भी है कि आरएएस में चयनित किसान सहदेव की तीनों बेटियों रितु, अंशु और सुमन के नाम के पहले अक्षरों का मतलब भी आरएएस ही बनता है और इन्होंने अपने नाम के अनुरूप ही काम किया है. एक ही परिवार से अब तक पांच बेटियों की इस सफलता पर पूरे जिले में खुशी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details