मुंबई:रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल ने सोमवार को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास एक चलती ट्रेन में चार लोगों की गोली मारकर कथित तौर पर हत्या कर दी. एक अधिकारी ने बताया कि कांस्टेबल चेतन कुमार चौधरी ने अपने स्वचालित हथियार से तड़के करीब पांच बजे जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में सवार आरपीएफ के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) और तीन अन्य यात्रियों को गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई. इस मामले में आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी आरपीएफ जवान मानसिक रूप से परेशान है.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से पालघर की दूरी करीब 100 किलोमीटर है. अधिकारी के मुताबिक, चेतन कुमार चौधरी ने अपने एस्कॉर्ट ड्यूटी प्रभारी एएसआई टीका राम मीणा को चलती ट्रेन में गोली मार दी. उन्होंने बताया कि अपने वरिष्ठ अधिकारी को गोली मारने के बाद कांस्टेबल एक अन्य बोगी में गया और उसने तीन यात्रियों को गोली मार दी.
वारदात का वायरल वीडियो: एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें रेलवे सुरक्षा बल के कांस्टेबल बता रहा है कि उसने यह चरम कदम क्यों उठाया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में आरोपी आरपीएफ कॉन्स्टेबल तीन यात्रियों के शवों में से एक के सामने खड़ा नजर आ रहा है. उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'पाकिस्तान से ऑपरेट हुए हैं. तुम्हारी मीडिया... यहीं देश की मीडिया ये खबरें दिखा रही है, पता चल रहा है उनको, सब पता चल रहा है, इनका आका है वहां...अगर हिंदुस्तान में रहना है, तो मैं कहता हूं...'' मारे गए व्यक्ति को वीडियो में आरोपी कांस्टेबल के पैरों के पास खून से लथपथ देखा जा सकता है, जबकि अन्य यात्री भयभीत होकर आरोपी को देख रहे हैं, क्योंकि वह लोगों को गोली मारने के बारे में समझाता रहता है.
सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) आयुक्त रवींद्र शिसवे से आरोपी कांस्टेबल द्वारा हत्याओं को सही ठहराने के वीडियो के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अन्य सामग्रियों के साथ वीडियो क्लिप की जांच की जा रही है. शिस्वे ने कहा, 'किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी और इस स्तर पर, कुछ भी टिप्पणी करना और जांच के बारे में कोई विवरण साझा करना जल्दबाजी होगी." उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर रही है. उन्होंने कहा, 'चलती ट्रेन में इस की वारदात को अंजाम देने का यह पहला मामला है. यात्री डरे हुए हैं. हम उन्हें आश्वस्त करना चाहते हैं कि पुलिस घटना की विस्तार से जांच करेगी.'
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल बहुत गुस्सैल प्रकृति का था. जीआरपी के मुताबिक, सिंह ने अपने स्वचालित हथियार से 12 राउंड फायरिंग की. घटना के बाद जीआरपी ने उसके स्वचालित हथियार से आठ गोलियां बरामद कीं. घटना के बाद ट्रेन को सुबह 6.21 बजे से 7.15 बजे तक लगभग एक घंटे तक बोरीवली स्टेशन पर रोके रखा गया. ट्रेन की परिचालन स्थिति के अनुसार, यह अपने अंतिम गंतव्य मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर लगभग 72 मिनट की देरी से सुबह 8.07 बजे पहुंची. बी5 और बी6 कोच से अधिकांश यात्री बोरीवली स्टेशन पर उतरे.
अधिकारी के अनुसार, आरोपी ने मीरा रोड और दहिसर के बीच ट्रेन से भागने की कोशिश की, लेकिन राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों ने उसे पकड़ लिया और उसका हथियार भी जब्त कर लिया. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के हाथरस का रहने वाला आरोपी मीरा रोड रेलवे पुलिस की हिरासत में है. उन्होंने बताया कि बोरीवली रेलवे स्टेशन पर शवों को ट्रेन से बाहर निकाला गया. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कांस्टेबल चौधरी समेत आरपीएफ के चार कर्मी सोमवार को गुजरात में सूरत स्टेशन से रवाना हुई जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में पहरा दे रहे थे.
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे एक दिन पहले उन्होंने दादर-पोरबंदर-सौराष्ट्र एक्सप्रेस में सूरत स्टेशन तक पहरा दिया था. वापसी पर वे जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे. लंबी दूरी की ट्रेन में पहरा देने की ड्यूटी पर अक्सर जीआरपी और आरपीएफ के चार से पांच कर्मियों को तैनात किया जाता है. वे अपने-अपने रेलवे मंडल में ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात रहते हैं और उसके बाद अन्य मंडलों के उनके समकक्ष सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं.