नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 'रोजगार मेले' के तहत करीब 71 हजार नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपे और कहा कि सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए जाने से नौकरियों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इन नवनियुक्त कर्मियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित भी किया और उन्हें सरकारी नौकरी मिलने पर बधाई दी. 'रोजगार मेला' देश भर में 45 स्थानों पर आयोजित किया गया। ये नियुक्तियां केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों में भी हुई हैं.
मोदी ने पिछले नौ साल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए रोजगार के अवसरों और बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से लेकर परिणामों की घोषणा तक, पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है. उन्होंने कहा, 'पिछले नौ वर्षों में भारत सरकार ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा तेज करने, ज्यादा पारदर्शी और निपष्क्ष बनाने को भी प्राथमिकता दी है. आज दस्तावेजों को स्व-सत्यापित (सेल्फ अटेस्ट) करना भी पर्याप्त होता है और 'ग्रुप सी' और 'ग्रुप डी' के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार भी खत्म हो गए हैं.'
उन्होंने कहा, 'इन सारे प्रयासों से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है.' उन्होंने वॉलमार्ट, एप्पल, फॉक्सकॉन और सिस्को सहित प्रमुख वैश्विक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ अपनी हालिया मुलाकातों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में उद्योग और निवेश को लेकर 'अभूतपूर्व सकारात्मकता' है. प्रधानमंत्री ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के शुद्ध पेरोल आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2018-19 से 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को नौकरी मिली है क्योंकि औपचारिक रोजगार बढ़ रहा है.