वाराणसी: 15 अगस्त 1947 भारत के लिए वह दिन, जब हमें आजादी मिली. आजादी के 75 साल पूरे होने पर भारत सरकार ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' की शुरुआत की है. अमृत महोत्सव के पहले ईटीवी भारत भी आपको आजादी से जुड़ी उन तमाम कहानियों और स्मृतियों को बताने जा रहा है, जिसे जानकर आप भी आजादी की इस गाथा से खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे.
इसी क्रम में आज हम आपको धर्म नगरी वाराणसी के उस अद्भुत मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको भारत माता मंदिर के नाम से जाना जाता है. कहने को तो यह एक मंदिर है, लेकिन अंदर प्रवेश करने के बाद आपको न यहां पर कोई प्रतिमा मिलेगी न ही किसी भगवान की कोई तस्वीर क्योंकि, इस भव्य मंदिर के अंदर 1917 के अखंड भारत का अद्भुत मानचित्र मौजूद है जो भारत को एक विशाल देश बनाता था. कजाकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से लेकर भारत जब एक हुआ करता था.
बनारस में मौजूद यह भव्य मंदिर निर्माण की अद्भुत मिसाल है. मंदिर में इस्तेमाल हुए लाल पत्थर, मकराना मार्बल और अन्य निर्माण सामग्री इस मंदिर को और भी भव्य बना देते हैं. 1917 के बाद इस मंदिर के निर्माण की शुरुआत हुई और 1924 में यह मंदिर बनकर तैयार हुआ, लेकिन अंग्रेजों की सख्ती और क्रांतिकारियों पर हो रहे जुल्म ने इस मंदिर को खुलने नहीं दिया. हालांकि महात्मा गांधी ने अक्टूबर 1936 में इस मंदिर का उद्घाटन किया.
वाराणसी के चंदवा सब्जी मंडी इलाके में स्थित यह मंदिर देशभक्त और राष्ट्रवादी लोगों के लिए बड़ा केंद्र है. सफेद मकराना मार्बल पर पहाड़ की ऊंचाई, समुद्र की गहराई और अलग-अलग राज्यों को इसमें खूबसूरती से उकेरा गया है, जिसे देखकर हर कोई नतमस्तक हो जाता है. शिव प्रसाद गुप्त ने तैयार रूपरेखाराष्ट्र रत्न शिव प्रसाद गुप्त ने उस वक्त इस मंदिर के निर्माण की रूपरेखा तैयार की और महात्मा गांधी से आदेश लेने के बाद इस मंदिर का निर्माण शुरू किया. साल 1924 में मंदिर बनकर तैयार हुआ और 12 सालों बाद महात्मा गांधी ने इस मंदिर का अपने हाथों से उद्घाटन किया.
उस वक्त की तस्वीरों से लेकर इस मंदिर में लगे शिलापट्ट तक पर बापू की मौजूदगी का उल्लेख मिलता है. उस वक्त की तस्वीरों में मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करते वक्त की बापू की तस्वीर, राष्ट्र रत्न शिव प्रसाद गुप्त के साथ उस वक्त के कई महान नेता भी यहां मौजूद थे. जिस समय ट्रेन और अन्य साधनों की कमी थी उस वक्त भी इस मंदिर के उद्घाटन में 25000 से ज्यादा लोगों की भीड़ देश भर से जुटी थी.