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rohini court blast case : नाै दिन, एक हजार घंटे फुटेज खंगालने के बाद DRDO का वैज्ञानिक गिरफ्तार

रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट केस (rohini court blast case) में पुलिस ने खुलासा किया है. बीते नाै दिसंबर को बम धमाका हुआ था. मामले में स्पेशल सेल ने बम रखने के आराेप में एक शख्स (Rohini court blast scientist arrested) को गिरफ्तार कर लिया है.

rohini court blast case
रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट केस

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Published : Dec 18, 2021, 12:52 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 5:27 PM IST

नई दिल्ली :रोहिणी ब्लास्ट (rohini court blast case) में वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया (DRDO scientist arrested in Rohini blast) को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए भारत भूषण कटारिया डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं. 2016 से अमित वशिष्ठ नामक अधिवक्ता से उनका झगड़ा चल रहा है, जो उनका पड़ोसी है. इस मामले में निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक एक दर्जन मामले उनके बीच चल रहे हैं. साइंटिस्ट पर बीते नौ दिसंबर को चार्ज फ्रेम होना था, लेकिन ठीक उससे पहले उसने वकील के पीछे रखकर यह बम फोड़ दिया.

पुलिस का बयान

रोहिणी कोर्ट में किए गए ब्लास्ट के लिए लगभग एक महीने से भारत भूषण कटारिया साजिश रच रहा था. उसने इस ब्लास्ट के लिए बाइक का रिमोट कंट्रोल, अमोनियम नाइट्रेट एवं खास तरह के स्क्रू और बैटरी इकट्ठा किये थे. इनकी मदद से उसने एक आईडी बनाया और राेहिणी कोर्ट संख्या 102 में ब्लास्ट किया.

पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के अनुसार इस मामले की छानबीन स्पेशल सेल के डीसीपी राजीव रंजन की देखरेख में चल रही थी. सबसे पहले कोर्ट परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला गया. इस दौरान देखा गया कि 9.36 बजे एक शख्स दो बैग लटकाए हुए गेट नंबर 7 से अंदर दाखिल होता है. वह वकील की ड्रेस पहने हुए था. अंदर जाने के बाद वह अमूल आउटलेट के बाहर दोनों बैग को रख देता है और वापस गेट नंबर 7 से बाहर चला जाता है. इसके बाद गेट नंबर 8 से वह अंदर दाखिल होता है और यहां आकर दोनों बैग उठा लेता है. यह बैग लेकर वह कोर्ट नंबर 102 में जाता है जहां पर उसके मामले की सुनवाई होनी थी.

उस समय 27 नंबर मामले की सुनवाई चल रही थी जबकि उसके मामले का नंबर 45 था. वह चुपचाप उस जगह जाता है जहां पर वकील अमित वशिष्ठ बैठा हुआ था. उसकी कुर्सी के ठीक पीछे वह उस बैग को रख देता है जिसमें टिफिन बम रखा हुआ था. वह कोर्ट से बाहर निकल जाता है और यहां पर रिमोट से ब्लास्ट को अंजाम देता है. ब्लास्ट के बाद 10.35 बजे वह कोर्ट से बाहर निकल जाता है. इस समय उसके पास केवल एक बैग था. पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि इस मामले की छानबीन के दौरान यह देखा गया कि जिस बैग में ब्लास्ट किया गया, उस पर एक खास तरह का लोगो लगा हुआ था. इस कंपनी से जब बातचीत की गई तो पता चला कि 2006 के बाद उन्होंने दिल्ली में इस बैग की सप्लाई बंद कर दी थी. लेकिन कुछ लोगों को यह बैग मिल रहा था.

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बैग के बारे में छानबीन से पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग मिले. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज में पुलिस ने देखा कि जब वह अदालत परिसर में दाखिल हुआ तो उसके पास दो बैग थे. लेकिन जब वह बाहर निकला तो उसके पास केवल एक ही बैग था. इसके अलावा पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए उस समय अदालत में मौजूद लोगों के मोबाइल नंबर को भी खंगाला. इन सब कड़ियों को जोड़ते हुए यह पता चल गया कि ब्लास्ट को अशोक विहार निवासी वरिष्ठ वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया ने अंजाम दिया है. पुलिस टीम ने शुक्रवार को उनके घर पर छापा मारकर उनकी गिरफ्तारी कर ली. उनके घर से वह स्क्रू मिले हैं जो मौके से बरामद हुए थे. इसके अलावा बम तैयार करने में इस्तेमाल किया गया कुछ सामान भी उनके घर से बरामद हुआ है.

पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि इस मामले में आरोपी वैज्ञानिक के खिलाफ दिल्ली पुलिस को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं जिनकी मदद से उनको सजा दिलवाना आसान होगा. पुलिस टीम ने इस मामले में नौ दिन की कड़ी मशक्कत के बाद एक बेहतरीन जांच करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि अभी तक की जांच में इस ब्लास्ट के मामले में किसी अन्य शख्स की भूमिका नहीं मिली है. लेकिन पूछताछ के दौरान अगर किसी की भूमिका मिलती है तो उसे अवश्य गिरफ्तार किया जाएगा.

Last Updated : Dec 18, 2021, 5:27 PM IST

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