रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी से जुड़े दस्तावेज बाढ़ में नष्ट, बैंक ने पुलिस को दी जानकारी चंडीगढ़: सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के लैंड डील से जुड़े वित्तीय ट्रांजेक्शन के महत्वपूर्ण दस्तावेज बैंक से नष्ट हो गये हैं. इस मामले में गुरुग्राम स्थित बैंक ने सरकार की एसआईटी को जानकारी दी है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के ट्रांजेक्शन से जुड़ी जानकारी मांगने पर पुलिस को बताया है कि बैंक के बेसमेंट में पानी भर जाने से वो दस्तावेज नष्ट हो गये हैं.
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दरअसल रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी (Skylight Hospitality) के साथ हुए जमीन सौदों को लेकर एसआईटी जांच कर रही है. इसी मामले में एसआईटी ने गुरुग्राम की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों के 2008 और 2012 के वित्तीय लेनदेन का रिकॉर्ड मांगा था. इसके जवाब में बैंक ने कहा है कि बेसमेंट में पानी भर जाने से ये रिकॉर्ड खराब हो गये हैं. हरियाणा पुलिस की एसआईटी ने 2018 में रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए जमीन सौदे में वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में ये बड़ा मुद्दा बना था.
स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी मामले में जो जांच चल रही है, उसमें यूनियन बैंक को कहा गया था कि सारे दस्तावेज जमा करवाये. लेकिन उन्होंने रिप्लाई किया है कि बेसमेंट में पानी जमा होने के चलते दस्तावेज गल गए हैं. ये जवाब संतोषजनक नहीं लगा. उसके बाद एसआईटी ने बैंक से पूछा है कि क्या बाकी कम्पनियों के दस्तावेज भी गले हैं या सिर्फ वाड्रा की कंपनी के. ये पूरी जानकारी मांगी गई है. अभी प्रक्रिया चल रही है. जांच हो जाने के बाद इस पर आगे की कार्रवाई होगी. अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा
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इसी साल अप्रैल महीने में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ के बीच हुए लैंड डील मामले में सरकार के विभाग ने उन्हें क्लीन दे दी थी. मानेसर तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस डील में कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई है. तहसीलदार की रिपोर्ट को आधार बनाकर हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनप्रतिनिधियों पर चल रहे केस के संबंध में हलफनामा दाखिल किया था. हलांकि बाद में सरकार ने क्लीन चिट दिये जाने से इनकार किया था.
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