लखनऊ : देश में इन दिनों पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर आंदोलन चल रहा है. नई पेंशन स्कीम को वापस लेने की मांग हो रही है, लेकिन इसी बीच परिवहन निगम में पेंशन से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक रोडवेज कर्मी पेंशन का हकदार भी नहीं था और उसने अधिकारियों से सेटिंग करके खुद का प्रमोशन उस पद पर करा लिया जिस पर पेंशन मिल सके. अब मामला खुला तो परिवहन निगम के सीनियर अफसर भी हैरान हैं.
पेंशन के लिए रोडवेज के बाबू ने फर्जी तरीके से करा लिया प्रमोशन, अब रडार पर वरिष्ठ अधिकारी
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में धोखाधड़ी और जालसाजी का अजब मामला पकड़ा गया है. मामला पेंशन योजना का लाभ लेने से जुड़ा है. रोडवेज के एक बाबू ने फर्जी तरीके से प्रमोशन लेकर पेंशन लेने की साजिश रच डाली है. हालांकि मामला पकड़े जाने पर जांच चल रही है.
परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि लखनऊ रीजनल कार्यालय में तैनात रहे आरपी श्रीवास्तव ने ये कारनामा किया. अप्रैल 1981 में आरपी श्रीवास्तव बुकिंग क्लर्क के पद पर भर्ती हुए थे उसके बाद स्टेनो बन गए, लेकिन उन्होंने कार्यालय सहायक के रूप में सेटिंग से अपना प्रमोशन करा लिया. इसी पद पर से लगातार प्रमोशन पाते रहे और जब रिटायर हुए तो वैयक्तिक सहायक के पद पर उनकी तैनाती थी. पेंशन के लिए जब क्लेम किया तो परिवहन निगम लखनऊ रीजन ने दस्तावेजों की जांच शुरू की. सामने आया कि जिस पद पर भर्ती हुए थे उस पर पेंशन की व्यवस्था नहीं है. इसी के साथ मामला खारिज कर दिया गया. रिटायर्ड कर्मचारी परिवहन निगम के इस कदम के बाद न्यायालय पहुंच गया. अधिकारी बताते हैं कि कोर्ट ने परिवहन निगम से सवाल किया कि आखिर पेंशन क्यों नहीं दी जा रही है?
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