नई दिल्ली : सड़क, रेलवे और सिंचाई क्षेत्र में सरकार के अपने पूंजीगत व्यय का आधा से ज्यादा हिस्सा खर्च करती है. पिछले वित्त वर्ष में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी टेंडरों में से लगभग आधी टेंडर सड़कें और रेलवे से जुड़ी हैं. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की प्रोजेक्ट ट्रैकर रिपोर्ट के अनुसार, जो इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण कंपनियों को दिए गए निष्पादन कार्य के क्षेत्र और राज्यवार डेटा को संकलित करती है, केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने 8900 बिलियन रुपये के टेंडर दिए, जो वित्त वर्ष 2020-21 में जारी निविदाओं की तुलना में 11 प्रतिशत ज्यादा है.
प्रोजेक्ट ट्रैकर रिपोर्ट का वित्त वर्ष 2022 संस्करण 250 अरब रुपये से अधिक मूल्य की निविदाओं के आंकड़ों के संकलिन पर आधारित है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल घोषित निविदाओं में सड़कों का हिस्सा 34% था, इसके बाद सिंचाई परियोजनाओं (22%), भवनों जिसमें अस्पताल और होटल (20%), रेलवे (8%), बिजली परियोजनाएँ (6%) शामिल हैं, जबकि बंदरगाहों, हवाई अड्डों, खदानों और अन्य औद्योगिक परियोजनाओं में पिछले साल घोषित शेष 10% निविदाएं हैं.
रिपोर्ट के अनुसार सड़कें, सिंचाई परियोजनाएं और भवन (अस्पताल और होटल सहित) पूर्ववर्ती वर्ष में घोषित निविदाओं की संख्या के साथ-साथ क्रमशः 39%, 25% और 17% हिस्सेदारी के साथ शीर्ष तीन क्षेत्र थे. वित्तीय वर्ष 2012 में 38% साल-दर-साल बढ़ने के बाद, वित्त वर्ष 2012 में कुल निविदा प्रवाह 11% सालाना बढ़कर 8,901 अरब रुपये का हुआ. कुल निविदाओं में से सड़कों, सिंचाई और अन्य रियल एस्टेट खंडों (अस्पतालों और होटलों सहित) ने संयुक्त रूप से मंगाई गई कुल निविदाओं में लगभग 78% का योगदान दिया.