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यूपी के इन खास स्पीड ब्रेकर्स पर आते ही खुद धीमे हो जाएंगे वाहन, जानिए क्या है खासियत

उत्तर प्रदेश में इन दिनों खास तरह के स्पीड ब्रेकर बनाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि आखिर यह नई तकनीक के स्पीड ब्रेकर 'टेक्सचर सरफेसिंग स्पीड ब्रेकर ' क्या है, कितनी लागत आ रही है और क्या हैं इसके फायदे.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 15, 2023, 8:00 PM IST

यूपी के इन खास स्पीड ब्रेकर्स पर आते ही खुद धीमे हो जाएंगे वाहन. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सड़कों पर खासकर शहरों के अंदर गाड़ियों की स्पीड पर लगाम लगाने के लिए स्पीड ब्रेकर का स्वरूप बदला जा रहा है, जिसकी शुरुआत राजधानी से हुई है. यहां करीब 23 ब्लैक स्पॉट पर 'टेक्सचर सरफेसिंग स्पीड ब्रेकर्स' और टेबल टॉप बनाए गए हैं जो आगे चल कर पूरे शहर और फिर राज्य भर में बनाए जाएंगे. हालांकि, इसमें विवाद भी उभर कर आया जब मंडलायुक्त ने अधिकारियों की मंशा पर ही सवाल उठा दिए थे.

यूपी के इन खास स्पीड ब्रेकर्स पर आते ही खुद धीमे हो जाएंगे वाहन.
यूपी के इन खास स्पीड ब्रेकर्स पर आते ही खुद धीमे हो जाएंगे वाहन.






लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लखनऊ मनीष वर्मा बताते हैं कि आमतौर पर जब चौराहों पर बने ब्रेकर्स पर वाहन तेज रफ्तार से गुजरते हैं तो वो उछल जाते हैं और इससे भी हादसे होने का डर रहता है. ऐसे में हमारे सामने इस बात की चुनौती थी कि हम सड़कों पर ऐसी व्यवस्था करें ताकि वाहन चौराहे से कुछ दूरी पर ही धीमे हो जाएं. इसके लिए जब आईआईटी दिल्ली और बीएचयू ने शोध कर लखनऊ के 23 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए. उसके बाद हमने राजधानी में इन ब्लैक स्पॉट पर टैक्सचर सरफेसिंग बनाने का फैसला किया.

यूपी के इन खास स्पीड ब्रेकर्स पर आते ही खुद धीमे हो जाएंगे वाहन.
यूपी के इन खास स्पीड ब्रेकर्स पर आते ही खुद धीमे हो जाएंगे वाहन.
इन 20 जिलों में भी बनाए जाएंगे नए रूप के ब्रेकर्स : रोड सेफ्टी सेल की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के 20 ऐसे जिले है जहां सबसे अधिक सड़क हादसे होते है, जिनके तीन कारण है पहला गाड़ी का तेज रफ्तार होना, दूसरा चौराहों को ओवर स्पीड में पार करना और तीसरा नशे में वाहन चलाना है. इन जिलों में लखनऊ, उन्नाव, कानपुर नगर, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, गोरखपुर, जौनपुर, रायबरेली, फिरोजाबाद, मेरठ, बरेली, अलीगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा और नोएडा शामिल है. अधिशाषी अभियंता मनीष वर्मा कहते हैं कि राजधानी में प्रोजेक्ट सफल होने पर इन सभी 20 जिलों में भी लागू किया जाएगा जहां सर्वाधिक सड़क हादसे होते हैं.

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