कुल्लू: हिमाचल में आई आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू जिले को पहुंचाया है. हालात यह है कि आपदा के एक माह बीतने के बावजूद यहां जनजीवन अब तक सामान्य नहीं हुआ है. जिले में कई सड़कें ऐसी हैं, जो आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे अब तक खोला नहीं जा सका है. यही वजह है कि उपमंडल बंजार की सैंज घाटी की गाड़ा पारली, शेंशर, देहुरिधार, शांगढ़ पंचायतों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क बंद होने से ग्रामीणों को अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर आवाजाही करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीणों को राह में कई नदी नालों को जान हथेली पर रखकर पार करना पड़ रहा है.
पीठ पर बोझा लेकर कई किमी चलने को मजबूर ग्रामीण: हिमाचल में पिछले महीने आई आपदा के समय यहां पर हेलीकॉप्टर से प्रशासन ने राशन भेजा था, लेकिन अब यहां राशन अब खत्म हो गया है. ऐसे में ग्रामीणों को खाने-पीने की चीजें लेने के लिए 15 से 20 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़कर पीठ पर राशन ढोना पड़ रहा है. गौरतलब है कि जिला कुल्लू में भारी बारिश से आई आपदा को बीते अब 1 माह हो चुका है, लेकिन अभी भी यहां सड़कें बंद है, जिसे बहाली का कार्य लगातार जारी है. हालांकि, जिला कुल्लू के अधिकतर इलाकों में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया गया है, लेकिन सड़कों को अभी भी वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल नहीं किया गया है.
मरीजों को पालकी के सहारे पहुंचा रहे अस्पताल: ग्रामीणों को पहले सैंज जाना पड़ रहा और उसके बाद यह राशन अपने-अपने घरों तक ग्रामीणों को पहुंचाना पड़ रहा है. हालांकि, प्रशासन यहां तेज गति से सड़कों को बहाल करने का कार्य कर रहा है, लेकिन अभी भी सड़कें पूरी तरह से वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल नहीं हो पाई है. बीते दिनों भी सैंज घाटी में सड़क बहाल नहीं होने के वजह से एक मरीज को पालकी पर कई किलोमीटर पैदल चलकर ग्रामीणों ने सैंज अस्पताल पहुंचाया. ऐसे में बरसात के मौसम में बीमार होने पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की दिक्कत और बढ़ गई है.