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Himachal Monsoon: यहां जिंदगी की राह आसान नहीं! पीठ पर राशन और 20 KM खड़ी चढ़ाई, उफनती नदी नाले को टूटे पेड़ के सहारे पार करने को मजबूर ग्रामीण

हिमाचल में आई आपदा और भारी बारिश ने कुल्लू जिले को भारी नुकसान पहुंचाया है. आपदा के एक महीने बाद भी यहां जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है. जिले में अभी भी कई सड़कें बंद है. वहीं, उपमंडल बंजार की सैंज घाटी में रोड बंद होने से कई गांवों का संपर्क कटा हुआ है. जिससे ग्रामीण 15 से 20 किमी. खड़ी चढ़ाई चढ़कर, पीठ पर राशन के साथ उफनती नदी नालों को पर करने को मजबूर हैं. वहीं, इस दौरान अगर कदम जरा भी लड़खड़ा जाए तो सीधे मौत को दावत देने जैसा है. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal Monsoon) ( Road damage due to disaster in Kullu) (Kullu disaster) (road closed in Sainj valley)

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यहां जिंदगी की राह आसान नहीं!

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Published : Aug 12, 2023, 4:19 PM IST

Updated : Aug 12, 2023, 8:50 PM IST

यहां जिंदगी की राह आसान नहीं!

कुल्लू: हिमाचल में आई आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू जिले को पहुंचाया है. हालात यह है कि आपदा के एक माह बीतने के बावजूद यहां जनजीवन अब तक सामान्य नहीं हुआ है. जिले में कई सड़कें ऐसी हैं, जो आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसे अब तक खोला नहीं जा सका है. यही वजह है कि उपमंडल बंजार की सैंज घाटी की गाड़ा पारली, शेंशर, देहुरिधार, शांगढ़ पंचायतों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क बंद होने से ग्रामीणों को अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर आवाजाही करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीणों को राह में कई नदी नालों को जान हथेली पर रखकर पार करना पड़ रहा है.

कुल्लू जिले में कई जगह सड़कें अभी भी बाधित

पीठ पर बोझा लेकर कई किमी चलने को मजबूर ग्रामीण: हिमाचल में पिछले महीने आई आपदा के समय यहां पर हेलीकॉप्टर से प्रशासन ने राशन भेजा था, लेकिन अब यहां राशन अब खत्म हो गया है. ऐसे में ग्रामीणों को खाने-पीने की चीजें लेने के लिए 15 से 20 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़कर पीठ पर राशन ढोना पड़ रहा है. गौरतलब है कि जिला कुल्लू में भारी बारिश से आई आपदा को बीते अब 1 माह हो चुका है, लेकिन अभी भी यहां सड़कें बंद है, जिसे बहाली का कार्य लगातार जारी है. हालांकि, जिला कुल्लू के अधिकतर इलाकों में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया गया है, लेकिन सड़कों को अभी भी वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल नहीं किया गया है.

मरीजों को पालकी के सहारे पहुंचा रहे अस्पताल: ग्रामीणों को पहले सैंज जाना पड़ रहा और उसके बाद यह राशन अपने-अपने घरों तक ग्रामीणों को पहुंचाना पड़ रहा है. हालांकि, प्रशासन यहां तेज गति से सड़कों को बहाल करने का कार्य कर रहा है, लेकिन अभी भी सड़कें पूरी तरह से वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल नहीं हो पाई है. बीते दिनों भी सैंज घाटी में सड़क बहाल नहीं होने के वजह से एक मरीज को पालकी पर कई किलोमीटर पैदल चलकर ग्रामीणों ने सैंज अस्पताल पहुंचाया. ऐसे में बरसात के मौसम में बीमार होने पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की दिक्कत और बढ़ गई है.

मरीज को कंधे पर ले जाते लोग

टूटे पेड़ के सहारे उफनते नदी नाले पार कर रहे लोग:कई जगह पर बाढ़ के चलते नदी नालों पर बनी पुलिया भी बह गई और अब उफनते नालों पर पेड़ के सहारे ग्रामीण उसे पार करने को मजबूर है. जिसके चलते ग्रामीणों को हमेशा उनके साथ हादसा होने की आशंका बनी रहती है. ऐसे हालातों में ग्रामीण मुलभूत जरुरतों के लिए तरह रहे हैं, जिससे इन्हें अपनी जान खतरे में डालकर उफनती नदी नालों को पार कर, पीठ पर बोझा लिए 20 किमी का सफर करने को मजबूर हैं. ऐसे में ग्रामीण जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जो भी झूला पुल नदी नालों पर स्वीकृत किए गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द लगाया जाए.

टूटे पेड़ के कहारे उफनती नदी पार करते ग्रामीण

प्रशासन ने की जल्द सड़क खोलने की बात: कुल्लू डीसी आशुतोष गर्ग ने बताया कि जिले में 31 सड़के अभी भी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है. वही, नदी नालों पर झूला पुल लगाने का काम भी तेज गति से किया जा रहा है. इसके अलावा कई ग्रामीण इलाकों में अभी भी बिजली व्यवस्था को बहाल करने की दिशा में काम किया जा रहा है. आने वाले कुछ दिनों में सड़क व बिजली की व्यवस्था को पूरी तरह से बहाल कर दी जाएगी.

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Last Updated : Aug 12, 2023, 8:50 PM IST

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