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उत्तराखंड: खाई में बस गिरने से 13 की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख

चकराता क्षेत्र में बुल्हाड़-बायला मार्ग पर रविवार को यूटिलिटी वाहन के गहरी खाई में गिरने से उसमें सवार 13 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के पीछे ओवरलोडिंग बड़ी वजह बताई जा रही है. उधर, देहरादून जिला प्रशासन ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपए और घायलों को 40 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने का आदेश भी जारी कर दिया है. पता चला है कि ड्राइवर नहीं होने पर मालिक खुद गाड़ी चला रहा था.

उत्तराखंड: खाई में बस गिरने से 13 की मौत
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Published : Nov 2, 2021, 5:28 AM IST

देहरादून: देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र में बुल्हाड़-बायला मार्ग पर रविवार को यूटिलिटी वाहन के गहरी खाई में गिरने से उसमें सवार 13 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि दो अन्य घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि त्यूणी से विकासनगर आते समय यूटिलिटी वाहन बायला गांव के करीब अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया. पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के समय वाहन में 15 लोग सवार थे जिनमें से 13 लोगों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई और दो लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.

हादसे के पीछे ओवरलोडिंग बड़ी वजह: रविवार को बड़े हादसे की वजह ओवरलोडिंग बताया जा रहा है. यूटिलिटी वाहन में सवार सभी लोग एक ही गांव के रहने वाले थे. खाई में गिरते ही वाहन के परखच्चे उड़ गए. कड़ी मशक्कत के बाद सभी शवों और घायलों को खाई से बाहर निकाला जा सका. हादसे के मामले में परिवहन विभाग (RTO) की कार्यशैली पर सवालों के घेरे में है.

जब मालिक बना ड्राइवर तो हुआ हादसा:चकराता में रविवार को दर्दनाक हादसे के कारणों में शुरुआती खुलासे चौंकाने वाले हैं. इसमें वाहन का ड्राइवर नहीं होने पर मालिक ने ही स्टेयरिंग थाम लिया था. इसके बाद जैसे ही गाड़ी 100 मीटर आगे बढ़ी तो 300 फीट गहरी खाई में गिर गई और लोग हादसे का शिकार हो गए. स्थानीय लोगों ने बताया है कि इस गाड़ी को रोज ड्राइवर चलाता था. लेकिन, शनिवार को उसे कुछ काम था तो वह अपने गांव चला गया था. ऐसे में गाड़ी मालिक नरेंद्र ने खुद ही ड्राइविंग का फैसला लिया.

उत्तराखंड: खाई में बस गिरने से 13 की मौत

क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थीं:स्थानीय लोगों के मुताबिक यूटिलिटी में क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थीं. आरटीओ से यूटिलिटी वाहन के लिए पास तो जारी है लेकिन, इसमें रविवार को 15 सवारियां बैठी थीं. खचाखच गाड़ी भरे होने के कारण गाड़ी चला रहे मालिक ने थोड़ी दूर जाकर नियंत्रण खो दिया और 300 फीट गहरी खाई में गिर गयी. एसपी देहात का कहना था कि ये जानकारी सिर्फ स्थानीय लोगों ने ही दी है.

एमवी एक्ट के तहत दिया जा रहा मुआवजा:देहरादून जिला प्रशासन ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपए और घायलों को 40 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने का आदेश भी जारी कर दिया है. डीएम देहरादून डॉ आर राजेश कुमार के मुताबिक यह मुआवजा मुख्यमंत्री द्वारा घोषित किए गए मुआवजे की रकम से अलग है. डीएम के मुताबिक मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सड़क हादसे में मुआवजा देने का प्रावधान होता है, उसी के तहत यह मुआवजे की धनराशि पीड़ित परिवार को दी जा रही है.

PM-CM ने किया था मुआवजे का ऐलान: चकराता हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को पीएमएनआरएफ की ओर से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को 50-50 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा पीएमओ की तरफ से हुई थी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतक आश्रितों को 50-50 हजार रुपए एवं गंभीर रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपए की सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से देने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें - सड़क हादसे में नवविवाहित जोड़े की मौत

चकराता एसडीएम कर रहे जांच: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चकराता हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए हैं. देहरादून डीएम आर राजेश कुमार के मुताबिक एसडीएम चकराता को इस हादसे की जांच सौंपी गई है, जो जल्द पूरी कर ली जाएगी.

खानापूर्ति तक सीमित रहती है जांच: चकराता के जौनसार-बावर एवं हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाके से जुड़े इस पर्वतीय क्षेत्र में व्यवसायिक वाहनों में ओवरलोडिंग के चलते कई दर्दनाक घटनाएं हो चुकी हैं. लेकिन, परिवहन विभाग इस क्षेत्र में आवाजाही करने वाले छोटे वाहनों से लेकर बड़े व्यवसायिक वाहनों में ओवरलोडिंग की शिकायतों को नजरअंदाज करता आया है. गंभीर सड़क हादसों के बाद प्रशासन द्वारा खानापूर्ति के लिए मजिस्ट्रियल जांच बैठाई जाती है लेकिन, आजतक कोई ठोस कार्रवाई की खबरें सामने नहीं आई हैं. ऐसे में वाहन संचालकों के मन बढ़ गए हैं और ओवरलोडिंग के चलते चकराता के पर्वतीय क्षेत्रों में अनियंत्रित होकर वाहन पहाड़ों से गिरते रहते हैं.

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