RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा पटना: राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आज पटना पहुंचे. गुरुवार को उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी. पटना पहुंचते ही जब उनसे मीडियाकर्मियों ने सवाल किया तो उन्होंने नए समीकरण की ओर इशारा किया. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि आप लोग अटकलों पर खबरें चलाते हैं. अमित शाह और हमारी मुलाकात में कुछ नया नहीं है. कुछ नया होने पर आप सभी को बताया जाएगा. मतलब साफ है कि कुछ न कुछ अंदरखाने चल रहा है.
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''हमारी दिल्ली में अमित शाह से क्या बात हुई, आप अटकल लगाने के लिए स्वतंत्र हैं. हम अभी उस स्तर तक अपने को तैयार नहीं कर पाए हैं कि आपसे शेयर कर पाएं. जब हमें आवश्यकता महसूस होगी तब हम बताएंगे. इसे मेरे ऊपर छोड़िए. नरेन्द्र मोदी के सामने 2024 तक कोई चैलेंज नहीं है. पीएम की वैकेंसी नहीं है. जिन पार्टियों के साथ नीतीश जी बिहार में साथ बैठे हुए हैं उन्हीं पार्टियों के साथ दिल्ली में मीटिंग की, इसमें नया क्या है?''- उपेन्द्र कुशवाहा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय लोक जनता दल
उपेन्द्र कुशवाहा का महागठबंधन पर तंज: वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी एकता के सवाल पर उपेन्द्र कुशवाहा ने महागठबंधन पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है. राष्ट्रीय जनता दल, जेडीयू और कांग्रेस साथ बैठे हैं. वामदल भी साथ ही हैं, इसमें कुछ नया नहीं है. वैसे ही महागठबंधन में लोग झूठ-मूठ की बातें करते हैं. ये लोग जो बात अब कह रहे हैं उसका कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि देश में पीएम पद की वेकेंसी ही नहीं है. नीतीश को संबोधित कर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है. इन्हें विपक्षी एकता की बात भी नहीं करनी चाहिए.
दिल्ली में बनाया गेम प्लान?: गौरतलब है कि दिल्ली में ही उपेन्द्र कुशवाहा ने क्लियर कर दिया था कि शाह से मुलाकात के मायने बीजेपी में शामिल होना नहीं है. हालांकि मीडिया से बातचीत के दौरान पटना में कयास लगाने की छूट जरूर दी. इसे उपेन्द्र कुशवाहा का एक संकेतिक जवाब के रूप में माना जा रहा है कि नीतीश और महागठबंधन को रोकने के लिए दिल्ली में चुनावी चाणक्य शाह के साथ मिलकर गेम प्लान तैयार किया गया है. यही वजह है कि पटना की जमीन पर उतरते ही उपेन्द्र कुशवाहा सीधे महागठबंधन पर हमलावर हो गए हैं.
शिक्षक नियमावली पर भी किया अटैक: वहीं बिहार के शिक्षक नियमावली को लेकर भी कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देखिए अब नीतीश जी शिक्षक के साथ क्या कर रहे हैं? अब जाकर उन्हें नयी नियमावली याद आई है. जो शिक्षक 17 साल से नौकरी कर रहे हैं उसका क्या होगा? उसके भविष्य के बारे के वो कुछ सोचे ही नहीं है. ऐसा कहीं भी हुआ है कि जो नौकरी कर रहे हैं जाकर परीक्षा दें? फिर राज्य कर्मी बने हम शुरू से मुख्यमंत्री जी को शिक्षक की समस्या को लेकर ध्यान दिलाते रहे थे. बार-बार हम कहते थे कि शिक्षा व्यवस्था चौपट है. लेकिन ध्यान नहीं दिया, अब जाकर शिक्षक नियमावली बना है, जो को शिक्षक के हित को देखकर नहीं बनाया गया है.