रांची: RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury Case) से जुड़े चारा घोटाले में पांच साल की सजा सुनाई गई है. स्पेशल कोर्ट के जज एसके शशि ने यह फैसला सुनाया. उनपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. लालू के वकील ने बताया कि आगे बेल के लिए अर्जी दी जाएगी, लेकिन बेल नहीं मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा. इस मामले में कोर्ट ने न्यूनतम 1 लाख से लेकर अधिकतम दो करोड़ तक का जुर्माना लगाया है.
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (CBI Special Court) ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत 38 अन्य आरोपियों को को 139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में दोषी पाया था. कोर्ट ने तब सजा का एलान नहीं किया था. इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दोपहर 12 बजे सजा पर सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रभात कुमार ने लालू यादव की खराब सेहत का दवाला देते हुए कम से कम सजा देने का आग्रह किया है. सजा पर सुनवाई लालू यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर खुद देखा, इस दौरान वो रिम्स के पेइंग वार्ड में मौजूद थे. अन्य वकीलों ने भी अपने अपने मुअक्किलों को कम से कम सजा देने का आग्रह किया.
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चारा घोटाला से जुड़ा पांचवां केसः 139.35 करोड़ का घोटाला
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़ा यह पांचवां केस है. डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में 170 आरोपियों में से लालू प्रसाद, आरके राणा, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा सहित 99 आरोपी वर्तमान समय में ट्रायल फेस कर रहे थे. सीबीआई कोर्ट ने 15 फरवरी को डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े केस में ट्रायल फेस कर रहे 99 अभियुक्तों में से 24 आरोपियों को जहां बरी कर दिया वहीं 34 दोषी पाये गये अभियुक्तों को तीन तीन वर्ष की सजा सुनाई. वहीं लालू यादव सहित 38 अभियुक्तों के सजा के बिंदु पर फैसला आज आया है. 15 फरवरी को सीबीआई कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद लालू सीधे रांची होटवार जेल भेजे गए, जहां से मेडिकल जांच के बार उन्हें रिम्स भेज दिया गया था. रिम्स के पेइंग वार्ड में उन्हें भर्ती कराया गया. रिम्स में डॉ विद्यापति के नेतृत्व में 7 डॉक्टरों की टीम लालू यादव के इलाज में लगी है.
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