पटना:आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav Kidney Transplant) में है. जहां वे सिंगापुर बीच पर बड़ी बेटी मीसा भारती और बेटी रोहणी आचार्य के साथ घूमते नजर (Lalu Prasad Yadav On Singapore Beach) आए. लालू यादव की बेटी राहणी आचार्य ने अपने टि्वटर अकाउंट पर पिता के साथ बीच पर घूमते कई फोटो पोस्ट किए है. साथ ही लिखा है कि नसीब वाले होते हैं वो लोग, पिता का प्यार और मां का दुलार पा लेते हैं जो लोग.
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पिता को सिंगापुर एयरपोर्ट पर रिसीव किया:आरजेडी चीफ बीती रात दिल्ली से सिंगापुर के लिए रवाना हुए थे.सिंगापुर में एयरपोर्ट पर बेटी रोहिणी आचार्य ने पिता लालू यादव का स्वागत किया (Rohini Acharya welcomes father Lalu Yadav in Singapore). इससे जुड़ा एक वीडियो भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था. जिसमें वो काफी उत्साहित नजर आई. वीडियो में लालू व्हील चेयर पर बैठे दिख रहे हैं. पिता के पास आते ही रोहिणी गर्मजोशी से मिलती हैं और पिता का पैर छूती हैं.
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सिंगापुर में लालू यादव का इलाज:सीबीआई कोर्ट से पासपोर्ट रिलीज होने के बाद अपना इलाज कराने के लिए लालू यादव सिंगापुर आए हुए है. वे सिंगापुर में डॉक्टरों से सलाह लेकर किडनी की ट्रांसप्लांट (Lalu Yadav Kidney Transplant In Singapore) कराएंगे. चारा घोटाला केस में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव का पासपोर्ट सीबीआई कोर्ट के आदेश के बाद पहले से ही रिलीज किया जा चुका है. आरजेडी सुप्रीमो के साथ उनकी बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती भी सिंगापुर गई हैं. लालू इसस पहले दिल्ली में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल हुए थे.
जमानत पर बाहर हैं लालू यादव:आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद को चारा घोटाले के पांच अलग-अलग मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनायी थी. सजा की आधी अवधि पूरी होने, स्वास्थ्य कारणों और उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए हाईकोर्ट ने इन सभी मामलों में जमानत दे दी थी. अभी लालू प्रसाद जमानत पर बाहर हैं.
सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की है बेहतरीन सुविधाः सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की बेहतरीन सुविधा है. जितने लोगों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई है, उसकी सफलता का औसत काफी अच्छा है. अगर जीवित डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है तो उसकी सफलता दर 98.11 फीसदी है. जबकि डेथ डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता दर 94.88 फीसदी है. वहीं, भारत में किडनी ट्रांसप्लांट का सक्सेस रेसियो देखें तो ये करीब 90 फीसदी है. जीवित व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने पर 12-20 साल और मृत व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने पर 8-12 साल तक जीवन अवधि बढ़ जाती है.