पटना:बिहार विधान परिषद चुनाव(Bihar Legislative Council Election) के लिए राष्ट्रीय जनता दल(RJD) ने ना सिर्फ इस बार अपने परंपरागत सहयोगी कांग्रेस से किनारा कर लिया, बल्कि पूरी तरह खुद पर भरोसा करते हुए इस बार मुस्लिम-यादव समीकरण (MY Equation) पर जोर देने की बजाय टिकट देने में सवर्णों को खासी तरजीह दी है. ये आरजेडी का बिल्कुल नया स्वरूप है. जिसमें 'एमवाई' की जगह सवर्ण और दलितों को साधने की कोशिश हो रही है.
अबतक जिन 23 सीटों के लिए आरजेडी ने उम्मीदवारों ने नाम तय किए हैं, उनमें 5 भूमिहार, 4 राजपूत और एक ब्राह्मण जाति से हैं. आरजेडी ने इस चुनाव में दलित वोट बैंक पर भी नजर जमाई है जो बिहार में करीब 16% के आसपास हैं. अब तक इस वोट बैंक पर रामविलास पासवान और जीतनराम मांझी जैसे नेताओं का एकाधिकार माना जाता रहा है. इस वोट बैंक को साधने के लिए आरजेडी ने इस बार भीम आर्मी का सहारा लिया है. भीम आर्मी ने विधान परिषद के स्थानीय निकाय की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए आरजेडी को समर्थन दिया है.
भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष जौहर आजाद ने बताया कि इस बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद और आरजेडी के शीर्ष नेताओं ने मिलकर बिहार विधान परिषद चुनाव में एक-दूसरे का सहयोग करने का फैसला किया है. जौहर आजाद ने यह भी कहा कि इस चुनाव में हम आरजेडी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे और भविष्य में होने वाले चुनाव में भी आरजेडी और भीम आर्मी मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे.