नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति चुनाव में प्रतिद्वंद्वी जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा के बीच कई समानताएं हैं. दोनों राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और दोनों की पृष्ठभूमि कांग्रेस से जुड़ी रही है. धनखड़ और अल्वा ने कानून की पढ़ाई की है और दोनों का राजस्थान से भी नाता रहा है. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार धनखड़ (71) राजस्थान के मूल निवासी हैं, जबकि विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा (80) राजस्थान की राज्यपाल रही हैं. भाजपा में शामिल होने से पहले जनता दल और कांग्रेस में रहे धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में वकालत की, जबकि अल्वा के पास व्यापक विधायी अनुभव है.
अल्वा चार बार राज्यसभा सदस्य रह चुकी हैं और केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग के शासनकाल में वह उत्तराखंड और राजस्थान की राज्यपाल रहीं. वह राजीव गांधी और पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली सरकारों में मंत्री भी रही थीं. धनखड़ अल्पकालिक चंद्रशेखर सरकार में मंत्री रहे थे. वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिर से सत्ता में आने के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था.
विपक्षी दलों ने रविवार को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मार्गरेट अल्वा को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया. इससे एक दिन पहले भाजपा नीत राजग ने इस पद के लिए धनखड़ को अपना उम्मीदवार घोषित किया था.