हैदराबाद: 'दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ' , ये बीते दिनों की भूली बिसरी बाते हैं. क्योंकि मौजूदा वक्त में महंगाई की ऐसी मार पड़ी है कि कई परिवारों के लिए दाल रोटी का जुगाड़ करने के लिए भी एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. देशभर में चारों ओर से महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही है. जिसने लोगों के किचन से लेकर आपके दफ्तर आने जाने का खर्च तक बढ़ा दिया है.
नवरात्र के बावजूद आंसू निकाल रहा प्याज़
आजकल नवरात्र चल रहे हैं, इन दिनों कई लोग व्रत रखते हैं और कई लोग प्याज, लहसुन का इस्तेमाल नहीं करते. नवरात्र में प्याज के खरीदार कम होने से कीमतें कम होनी चाहिए थी लेकिन उल्टा प्याज के दाम नवरात्र में ही बढ़ गए हैं. कल तक मंडियों में अधिकतम 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो बिकने वाला प्याज़, आज 40 रुपये के पार पहुंच चुका है. कुछ जगहों पर प्याज़ 50 रुपये किलो भी बिक रहा है.
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल पर असर पड़ा है. इसके अलावा मध्य प्रदेश और कर्नाटक से आने वाली फसल पर भी बारिश का असर पड़ा है. इसलिये फसल बर्बाद होने के कारण कम हुई आवक का सीधा असर प्याज़ की कीमतों पर देखा जा रहा है.
टमाटर भी हुआ लाल
दिल्ली समेत तमाम शहरों में टमाटर पर भी महंगाई की मार पड़ी है. मंडी में 25 किलो टमाटर की पेटी का भाव 900 रुपये के पार पहुंच गया है. जिसके चलते खुदरा बाजार में 30 रुपये किलो तक बिकने वाला टमाटर कम से कम 50 रुपये किलो तक पहुंच गया है. टमाटर के दाम लगभग दोगुने होने से खाने का जायका बिगड़ गया है. दिल्ली समेत आस पास की मंडियों में टमाटर की फसल हिमाचल से पहुंचती है. बताया जा रहा है कि बेमौसम बरसात ने प्रदेश में टमाटर की 50 फीसदी फसल बर्बाद कर दी है. जिसके कारण दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर की आवक में 250 से 300 टन की कमी आई है, जिससे टमाटर महंगे होना लाजमी है.
50 रुपये से कम कोई सब्जी नहीं
महंगाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते कुछ दिनों में ही सब्जियों के दाम 30 फीसदी बढ़ गए हैं. आज सब्जी मंडी में कोई भी सब्जी 50 रुपये से कम में ढूंढे नहीं मिलेगी. दिल्ली की मंडियों में मटर 100 रुपये और गोभी 80 रुपयो किलो के हिसाब से बिक रही है. मंडियों में धनिये से लेकर हरी सब्जी तक खरीदने के लिए दोगुनी जेब ढीली करनी पड़ रही है. धनिया 200 रुपये किलो बिक रहा है तो हरी सब्जी भी थाली से बाहर होने की नौबत आ गई है.
नवरात्र शुरू होते ही फल हुए थे महंगे
पिछले हफ्ते नवरात्र की शुरुआत के साथ बढ़ती महंगाई के पांव में पहिये लग गए थे. शुरुआत फलों से हुई और हर फल की कीमत 20 से 30 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हो गई थी. 40 रुपये दर्जन बिकने वाला केला 60 रुपये तक पहुंच गया और 80 रुपये किलो तक बिकने वाला सेब 100 से 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया. इसी तरह 20 प्रति किवी के लिए अब 30 रुपये और 60 रुपये की मौसमी 80 रुपये में बिक रही है.
मंडी में फल विक्रेताओं की मानें तो बीते कुछ दिनों में फलों की लागत दोगुनी तक पहुंच गई है. जिसके चलते उन्हें भी कीमतें बढ़ानी पड़ रही है. जिसके चलते हर फल की कीमत में 20 से 30 रुपये का इजाफा हुआ.
मंडी में ये हाल, खुदरा कीमतें बेहाल
आलू, प्याज, टमाटर से लेकर हरी सब्जियों और फलों के ये दाम मंडियों में हैं. जहां से खुदरा विक्रेता सब्जियां और फल ले जाते हैं और फिर आपके घर या कालोनी के आस-पास ठेला या दुकान लगाकर बेचते हैं. मंडी से निकलकर इन खुदरा विक्रेताओं तक पहुंचने पर फल और सब्जी की कीमतों में 10 से 20 रुपये तक का इजाफा हो जाता है और मंडी में 50 रुपये बिकने वाला प्याज 60 से 70 रुपये में आपकी किचन तक पहुंच रहा है.
सरसों का तेल
ज्यादातर घरों में खाना बनाने के लिए जिस सरसों के तेल का इस्तेमाल होता है उस पर भी पिछले कुछ महीनों से महंगाई की मार पड़ रही है. बीते एक साल में सरसों के तेल के दाम 100 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. बीते साल तक उत्तर भारतीय राज्यों में 100 रुपये से 110 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकने वाला सरसों तेल बीते दिनों 200 रुपये प्रति लीटर की कीमत को पार गया और खुदरा बाजार में ये 240 से 250 रुपये प्रति लीटर भी बिक रहा है.
एलपीजी और पीएनजी हुई महंगी
अगर आप अपनी जेब ढीली करके सब्जियां घर ले भी आते हैं तो इनको पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाली एलपीजी और पीएनजी के दाम आपके खाने का जायका बिगाड़ देंगे. दिल्ली में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने बुधवार से पीएनजी की कीमतों में 2.10 रुपये प्रति एससीएम का इजाफा किया है. अब पीएनजी दिल्ली में 33.01 रुपये से बढ़कर 35.11 रुपये प्रति एससीएम की दर से मिलेगी. जबकि नोएडा, गाजियाबाद में 34.86 रुपये, गुरुग्राम में 33.31 रुपये, करनाल में 33.92 रुपये और मुजफ्फरनगर से मेरठ, शामली तक 38.37 रुपये में मिलेगी. अक्टूबर महीने के 13 दिनों में ये दूसरी बार पीएनजी की कीमतें बढ़ी हैं. जबकि इस साल अब तक पीएनजी की कीमतों में पांच बार इजाफा हो चुका है.
उधर एलपीजी के दाम पहले से लोगों की जेब जला रहे हैं. दिल्ली में इन दिनों घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 900 रुपये के पार पहुंच चुकी है जबकि कई शहरों में इसकी कीमत 950 और इससे भी अधिक है. गौरतलब है कि मार्च 2014 में सिलेंडर के दाम करीब 410 रुपये थे, इस हिसाब से पिछले 7 साल में एलपीजी सिलेंडर की कीमत दोगुने से भी अधिक हो गई है.
इस साल 5 बार बढ़े दाम
कब बढ़े | सीएनजी(रु. प्रति किलो) | पीएनजी (रुपये प्रति एससीएम) |
13 अक्टूबर | 49.71 | 35.11 |
2 अक्टूबर | 47.48 | 33.01 |
29 अगस्त | 45.20 | 30.91 |
8 जुलाई | 44.30 | 29.66 |
2 मार्च | 43.40 | 28.41 |