नई दिल्ली : एक महिला को साड़ी पहनकर रेस्टोरेंट में जाने से मना करने के बाद दिल्ली के रेस्तरां अक्विला की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. एक वायरल वीडियो में एक महिला ने रेस्तरां के कर्मचारियों से पूछा कि उसे अंदर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है.
कर्मचारी ने कहा कि मैम, हम केवल स्मार्ट कैजुअल को अनुमति देते हैं और साड़ी स्मार्ट कैजुअल के अंतर्गत नहीं आती है. अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने भी रेस्तरां और वीडियो पर अपना गुस्सा निकालने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.
कहा कि हमारे पारंपरिक कपड़ों की निंदा करना, हमारी अपनी भाषाओं को नीचा दिखाना उपनिवेशवाद के बाद के आघात का अवशेष है. यह फासीवाद को बढ़ावा देता है. जो इस आघात का फायदा उठाता है. साड़ी स्मार्ट है, आपकी पॉलिसी नहीं है #SariNotSorry #Aquila उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा.
ट्विटर पर अन्य लोगों ने भी रेस्तरां की नीति से असहमति जताई है. किसी ने कहा कि ऐसे खाने-पीने के स्थानों को स्वतंत्र भारत में भी मौजूद रहने का कोई अधिकार नहीं है. मुझे यकीन है कि ऐसे रेस्तरां/क्लबों के लिए लाइसेंस रद्द करने की जरूरत है जो एथनिक वियर के खिलाफ हैं.
एक अन्य ने लिखा कि प्रवेश से इनकार करना क्योंकि संरक्षक ने फटी हुई, कटी हुई जींस पहन रखी है या अनुचित जूते पहने हुए है, पूरी तरह से समझ में आता है लेकिन साड़ी में लिपटा होने के लिए प्रवेश से इनकार करना पूर्ण मूर्खता है. इस कार्रवाई के लिए रेस्तरां-बार के प्रबंधन को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
जोमैटो पर भी रेस्तरां की आलोचना की जा रही है और वर्तमान में इसकी कुल रेटिंग 2 स्टार है. Zomato ने रेस्टोरेंट के पेज पर संरक्षकों के लिए एक संदेश डाला है जिसमें लिखा है कि इस रेस्टोरेंट को हाल की घटनाओं के कारण मीडिया का बहुत ध्यान मिल रहा है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी समीक्षाओं की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं कि वे हमारे सामग्री दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हैं या नहीं.
दिल्ली की स्थानीय महिलाओं का भी इस मामले को लेकर रोष है. वायरल हो रहे इस वीडियो को लेकर ईटीवी भारत ने महिलाओं से बात की और इस पर उनकी राय जानने की कोशिश की. दिल्ली के दफ्तर में काम करने वाली कामकाजी महिला रेनू ने कहा कि साड़ी एक भारतीय परिधान है और इससे बढ़कर कोई दूसरा परिधान महिलाओं के लिए नहीं है. यदि दिल्ली के किसी रेस्टोरेंट में इस तरीके से महिलाओं को रेस्टोरेंट में घुसने से मना किया गया, तो यह सरासर गलत है. हम अपनी भारतीय संस्कृति को छोड़कर वेस्टर्न कल्चर को अपनाने का दिखावा कर रहे हैं.
वहीं, अन्य महिला और अजीत कौर ने कहा कि साड़ी एक ऐसा परिधान है, जिससे न केवल महिलाएं इंडियन बल्कि वेस्टर्न लुक में भी आसानी से कैरी कर सकती हैं. ऐसे में रेस्टोरेंट की तरफ से यह दलील बिल्कुल गलत दी गई है कि साड़ी एक स्मार्ट परिधान नहीं है. रेस्टोरेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
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बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रही एक महिला ने कहा कि देश में हर एक महिला साड़ी पहनना चाहती है, जब भी कोई खास मौका होता है तो हर एक महिला साड़ी पहनती है. रोजाना कामकाज के दौरान कई महिलाएं साड़ी इसीलिए नहीं पहन पातीं क्योंकि उन्हें भागदौड़ करनी होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि महिलाओं को साड़ी पसंद नहीं है. हर एक महिला के लिए साड़ी पसंदीदा परिधान है. इसके अलावा अन्य महिला ने कहा कि साड़ी महिलाओं को सभ्य और सोबर लुक देती है जो सबको पसंद आता है.