नई दिल्ली :ओमीक्रोन वेरिएंट के कारण कोविड-19 महामारी लगातार बढ़ रही है. कोविड-19 प्रबंधन के लिए संशोधित क्लिनिकल गाइडलाइन भी जारी की गई है. दिशानिर्देशों में आपातकालीन आधार पर रेमेडिसविर और टोसीलिज़ुमैब के उपयोग का सुझाव दिया गया है. गाइडलाइंस में कहा गया है कि दोनों दवाओं का आपात उपयोग सभी 'मानदंडों' को पूरा करने के बाद ही किया जाए.
संशोधित दिशानिर्देशों पर ईटीवी भारत ने डॉ तमोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) से बात की. उन्होंने बताया कि उपचार चार्ट से कम आणविक भार वाला हेपरिन (low molecular weight heparin) गायब है. उन्होंने बताया कि हेपरिन थक्कारोधी दवाओं का एक वर्ग (anticoagulant medications) है. उन्होंने कहा कि उपचार के लिए हेपरिन का भी प्रयोग किया जाना चाहिए. डॉ कोले ने कहा कि रेमडेसिविर और टोसीलिजुमैब का इस्तेमाल तभी किया जाना चाहिए जब सभी जरूरी मापदंड पूरे हो जाएं. डॉ तमोरिश एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency medicine) के अध्यक्ष हैं.
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वयस्क लोगों में कोरोना संक्रमण (Covid19) के प्रबंधन के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनमें सुझाव दिया गया है कि कोरोना के लक्षण दिखने के शुरुआत 10 दिनों में रोगियों को रेमडेसिविर दवा दी जा सकती है. ऐसे रोगी मध्यम से गंभीर रूप से बीमार होते हैं. इन्हें अलग से ऑक्सीजन दिए जाने की आवश्यकता (requiring supplemental oxygen) होती है.
दिशानिर्देशों में कहा गया है, कोविड-19 के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिविर का प्रयोग पांच दिनों के लिए ही किया जाए, इस पर विचार करें. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसका उपयोग उन रोगियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए जिन्हें या तो ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं है या मरीज घरेलू वातावरण में है.
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