नई दिल्ली : एक रिटायर्ड जज ने वकील के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया है. उन्होंने तर्क दिया कि किसी भी दोषी को अदालत को डराने और धमकाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व न्यायाधीश सुजाता कोहली को एक सप्ताह के भीतर कथित घटना के प्रासंगिक सीसीटीवी फुटेज को रिकॉर्ड में रखने को कहा ताकि अदालत अवमानना के मामले में प्रथम दृष्टया राय बना सके.
दरअसल, पिछले साल 29 अक्टूबर में एक निचली अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) के पूर्व अध्यक्ष राजीव खोसला को भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया था. कोहली ने आरोप लगाया था कि खोसला ने अगस्त 1994 में उनके बालों को पकड़ा और घसीटा. उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया कि सजा के मुद्दे पर निचली अदालत की कार्यवाही को खोसला और उनके समर्थकों द्वारा बाधित किया गया.