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'आतंकी आकाओं पर 'सख्त कार्रवाई' के बिना भारत-पाक वार्ता बहाली असंभव'

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Published : Jul 17, 2021, 6:46 PM IST

दिग्विजय सिंह ने इंदौर में कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत बहाल करने में वे सारे लोग बाधा हैं, जिनकी मुंबई आतंकवादी हमलों और (भारत के खिलाफ) अन्य आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगों को प्रश्रय तथा वित्तीय मदद देने में शामिल होने को लेकर पहचान हो गई है.

दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

इंदौर :कांग्रेस के राज्यसभा सांसद (Congress Rajya Sabha MP) दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने आज (शनिवार) को कहा, जब तक पाकिस्तान की इमरान खान सरकार (Imran Khan government) मुंबई आतंकवादी हमलों (Mumbai terror attacks) और भारत के खिलाफ दहशतगर्दी की अन्य हरकतों के मददगारों पर सख्त कार्रवाई नहीं करती, तब तक दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच बातचीत का सिलसिला बहाल होना मुमकिन नहीं है.

सिंह ने इंदौर में कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत बहाल करने में वे सारे लोग बाधा हैं, जिनकी मुंबई आतंकवादी हमलों और (भारत के खिलाफ) अन्य आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगों को प्रश्रय तथा वित्तीय मदद देने में शामिल होने को लेकर पहचान हो गई है.

उन्होंने हाफिज सईद और मसूद अजहर का नाम लेते हुए कहा कि भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले लोग 'पूरी तरह से' पाकिस्तान सरकार के संरक्षण में हैं. उन्होंने कहा, जब तक इमरान खान सरकार इन लोगों को संरक्षण देती रहेगी और इन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेगी, तब तक दोनों पड़ोसी देशों के बीच भला कैसे बातचीत होगी?

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने ये बातें इमरान खान के उस ताजा बयान को लेकर प्रतिक्रिया दिये जाने पर कहीं जिसमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने 'सभ्य पड़ोसियों' के तौर पर भारत-पाकिस्तान संबंधों की राह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा को कथित रूप से बाधक करार दिया था.

सिंह ने कहा कि उन्हें भारत में अंग्रेजों के जमाने से चल रहे उस राजद्रोह कानून की मौजूदा दौर में कोई आवश्यकता प्रतीत नहीं होती, जिसके तहत महात्मा गांधी को भी गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने सरकार के विरोधियों के दमन के लिए राजद्रोह कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा, वर्तमान समय में पुराने राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता पर सभी सियासी पार्टियों को मिलकर विचार करना चाहिए.

जनसंख्या नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित कानून पर सवाल उठाते हुए सिंह ने कहा कि इस विधेयक को महंगाई और बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में लोगों को अच्छी सुविधाएं दिए जाने पर आबादी नियंत्रित करने में अपने आप मदद मिलेगी.

(भाषा)

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