विशाखापत्तनम: तमाम बाधाओं के बावजूद अदम्य साहस और उत्साह दिखाते हुए आंध्र प्रदेश में नरसीपतनम के समीप एक सुदूर गांव के 27 वर्षीय दिव्यांग छात्र ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद में दाखिले के लिए होने वाली देश की कठिन परीक्षाओं में से एक कैट में सफलता अर्जित की है.पेद्दा बोडेपल्ली गांव के रहने वाले द्वारापुदी चंद्रमौली को 2018 में टिन की छत से अपनी छोटी बहन की अंगूठी निकालने की कोशिश करते हुए करंट लग गया था जिससे उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.
चंद्रमौली ने एजेंसी से कहा, 'मैं लोहे की छड़ की मदद से अंगूठी निकालने की कोशिश कर रहा था जिसे हमारे घर से सटी बिजली की तारों के चुंबकीय बल ने खींच लिया और मुझे करंट लग गया. उसके बाद मेरे शरीर के अंग खराब हो गए.' काकीनाडा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाला चंद्रमौली तीन महीने तक अस्पताल में भर्ती रहा. उसे अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा था तभी उसके पिता के एक मित्र तथा एक शुभचिंतक ने उसे कानून की पढ़ाई करने की सलाह दी, जिससे उसके अंदर भविष्य में न्यायिक मजिस्ट्रेट बनने की आकांक्षा पैदा हुई.
इसके बाद चंद्रमौली ने अनाकापल्ली में एलएलबी पाठ्यक्रम में दाखिला लिया. हालांकि, उसकी उम्मीदों को तब झटका लगा जब उसे मालूम चला कि मौजूदा नियमों के अनुसार, केवल वही दिव्यांग व्यक्ति मजिस्ट्रेट बन सकता है जिसका कम से कम एक हाथ काम कर रहा हो. इसके बावजूद चंद्रमौली ने अपने परिवार का सहयोग करने के लिए ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन के साथ काम करना शुरू कर दिया. आईआईएम-कलकत्ता से पढ़ाई करने वाले एक मित्र से बात करने के बाद उसके मन में विचार आया कि क्यों न वह कठिन कैट परीक्षा पास करके एमबीए करें.