अहमदाबाद : गुजरात के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने शनिवार को काले कपड़े पहनकर 'काला दिवस' मनाया. राज्य सरकार ने उनकी हड़ताल को 'अवैध' करार दिया है जबकि दो कॉलेजों ने अपने रेजीडेंट डॉक्टरों को छात्रावास परिसर खाली करने का आदेश दिया जिसके बाद रेजीडेंट डॉक्टरों ने अपना विरोध दर्ज कराया.
उल्लेखनीय है कि जामनगर और वडोदरा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्रशासन ने हड़ताल जारी रखने पर रेजीडेंट डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से छात्रावास खाली करने को कहा है.
'कोरोना योद्धा बताकर पुष्प वर्षा की अब ऐसा व्यवहार'
राज्य के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों के कम से कम दो हजार रेजीडेंट डॉक्टर बॉन्ड सेवा अवधि और सातवें वेतन आयोग के मुद्दे पर गत बुधवार से हड़ताल पर हैं. हड़ताल में शामिल एक डॉक्टर ने कहा, 'हम वही कोरोना योद्धा हैं जिन्होंने अपने खाने-पीने की चिंता छोड़कर ड्यूटी की. हमनें सुनिश्चित किया कि कोविड-19 मरीजों का ठीक से इलाज हो. इसी सरकार ने हम लोगों को कोरोना योद्धा बताकर पुष्प वर्षा की थी और अब हमारे साथ ऐसा व्यवहार कर रही है.'
गुजरात में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने होते हैं जिसके मुताबिक पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद एक साल की सेवा ग्रामीण इलाकों में देनी होती है और नियम तोड़ने पर 40 लाख रुपये भरने होते हैं.
छात्रावास खाली करने का नोटिस