नई दिल्ली:दिल्ली में नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों की सोमवार को पुलिस के साथ झड़प हो गई. दरअसल, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग शुरू करने मांग को लेकर सोमवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से उच्चतम न्यायालय तक मार्च निकाला. हालांकि, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक लिया और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई. पुलिस ने कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया. डाक्टरों से पुलिस की तीखी झड़प के बाद मौके पर पहुंचे अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी बुला लिया गया.
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने पुलिस द्वारा डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार की घटना की निंदा की है और सरकार व पुलिस से माफी मांगने को कहा है. आरडीए ने कहा कि यदि 24 घंटे के भीतर सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो एम्स आरडीए 29 दिसंबर को हड़ताल पर जाएगा जिसमें सभी गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रहेंगी.
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी अलोचना की. राहुल ने ट्वीट कर कहा कि फूल बरसाना दिखावे का पीआर (जनसंपर्क) था, असलियत में अन्याय बरसा रहे हैं. केंद्र सरकार के अत्याचार के खिलाफ मैं कोरोना योद्धाओं के साथ हूं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया. अब समय है कि पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाए. डॉक्टरों को झूठा पीआर (जनसंपर्क) नहीं, सम्मान व हक चाहिए.