हैदराबाद : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास और ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कागज पर आधारित एक सेंसर विकसित किया है. यह सेंसर पानी में उन रोगाणुरोधी प्रदूषक की आसानी से पहचान कर सकता है, जो पानी में मौजूद रोगाणुरोधी प्रतिरोध को प्रेरित करते हैं. यह सेंसर 'सी' एंड टेल' (See and Tell) की तर्ज पर काम करता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, सेंसर हाईटेक होने के साथ-साथ बहुत प्रभावी भी है. गौरतलब है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक समुदाय इस रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial resistance-AMR) पर काम कर रहे हैं.
शोध की फंडिंग
'इंडो यूके वॉटर क्वालिटी रिसर्च प्रोग्राम' के तहत यूके की प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद और इंजीनियरिंग व भौतिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ईपीएसआरसी) और भारत के विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने इस शोध की फंडिंग की है. भारत में रोगाणुरोधी प्रदूषकों और एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीन की निगरानी एएमआर की वर्तमान स्थिति का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण बताई जा रही है. यह शोध पहली बार नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक जर्नल में छपा था.