सिलक्यारा टनल हादसे का पांचवां दिन उत्तरकाशी (उत्तराखंड):उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 40 मजदूरों को लेकर आज खुशखबरी आ सकती है. आज पांचवें दिन सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. उत्साह बढ़ाने वाली बात ये है कि हरक्यूलिस विमानों के जरिये उत्तरकाशी पहुंचाई गई हैवी ऑगर मशीन से आज रेस्क्यू हो रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आएगी.
वायुसेना के हरक्यूलिस विमान से लाई गई है हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन:अभी तक रेस्क्यू के काम में लगाई गई ऑगर मशीन से अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के कारण दिल्ली से सेना कीनई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन मंगवाई गई है. बुधवार को वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों के जरिये तीन खेपों में नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतारी गयी. इसके बाद चिन्यालीसौड़ से सिलक्यारा तक ग्रीन गॉरिडोर बनाया गया. ग्रीन कॉरिडोर के द्वारा नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन को सिल्क्यारा की टनल तक पहुंचाया गया जहां पांच दिन से 40 मजदूर फंसे हुए हैं.
पीएम मोदी ले रहे पल-पल का अपडेट:सिलक्यारा टनल हादसे में रेस्क्यू के लिए राज्य सरकार ने तो पूरा जोर लगाया ही है, केंद्रीय मदद भी भरपूर मिल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अपडेट उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से ले रहे हैं. सीएम धामी ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार ने टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है.
उम्मीद लेकर आए टनल में फंसे मजदूरों के परिजन:सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के परिजन उनके सुरक्षित रेस्क्यू की आस में घटनास्थल पर आ रहे हैं. टनल में मलबा आने से फंसे एक मजदूर के पिता धर्म सिंह भी बेटे को लेने सिलक्यारा पहुंचे हैं. धर्म सिंह का कहना है कि उनका बेटा विजय कुमार टनल में फंसा है. विजय की उम्र 20 साल है. धर्म सिंह ने कहा कि उनकी बेटे से बात हुई है. उन्होंने बेटे को सब कुछ ठीक होने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि विजय को भोजन और पानी उपलब्ध कराया गया है. धर्म सिंह को उम्मीद है कि आज शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाएगा और सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया जायेगा.
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देर रात उत्तरकाशी में आया भूकंप:इस बीच देर रात उत्तरकाशी जिले में भूंकप आ गया. इससे थोड़ा डर फैल गया था कि कहीं सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई बाधा न आ जाए. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सिलक्यारा टनल में गुरुवार सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है. रेस्क्यू टीम सावधानी और सुरक्षित तरीके से टनल के अंदर मलबे में फंसे 40 मजदूरों को निकालने की कोशिश में लगी हैं.
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जानें अबतक का अपडेट:रविवार 12 नवंबर की सुबह निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में भूस्खलन होने से 40 मजदूर अंदर फंस गए. पिछले पांच दिनों से सभी को बचाने के प्रयास जारी हैं. नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं. बता दें कि, ये सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी है. भूस्खलन सुरंग की शुरुआत से 200 मीटर अंदर हुआ है, जहां प्लास्टर का काम नहीं हुआ था, जिस वजह से ये हादसा हुआ.
सबसे पहले 14 नवंबर को स्टील पाइप के जरिए मजदूरों को निकालने का प्रोसेस शुरू किया गया. हाइड्रोलिक जैक और ऑगर ड्रिलिंग मशीन से 35 इंच के डायमीटर का स्टील पाइप सुरंग के अंदर डालने का प्रयास किया गया. इसी बीच लगातार मलबा गिर रहा है और मलबे का दायरा 70 मीटर तक बढ़ चुका है. ऐसे में इसमें सफलता नहीं मिल सकी, क्योंकि ये मशीन केवल 45 मीटर तक ही काम कर सकती है.
फिर अगले दिन 15 नवंबर को PMO की ओर से इसमें सेना को शामिल किया गया. सेना के हरक्यूलिस विमान से दिल्ली से 25 टन की हैवी ऑगर मशीन मंगाई गई. गुरुवार को ही ऑगर मशीन के इंस्टालेशन का काम होने के बाद फिर रेस्क्यू शुरू किया गया. ये हैवी ड्रिलिंग मशीन प्रति घंटे पांच से छह मीटर तक ड्रिल कर सकती है.
चारधाम प्रोजेक्ट का हिस्सा: गौर हो कि, ये टनल ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत ही बनाई जा रही है. इस डबल लेन सुरंग के बनने से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किमी तक कम हो जाएगी. 853.79 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे टनल से शीतकाल में भी आवाजाही हो सकेगी. ये टनल हर मौसम में खुली रहेगी. वर्तमान में बर्फबारी के दौरान राड़ी टॉप क्षेत्र में यमुनोत्री हाईवे बंद हो जाता है जिससे उत्तरकाशी की तीन तहसील मुख्यालयों बड़कोट, पुरोला और मोरी का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट जाता है. सुरंग का काम पूरा होने के बाद ये समस्या दूर हो जाएगी.