विधायकों का रिपोर्ट कार्ड: जानिए छत्तीसगढ़ विधानसभा में किस विधायक ने सबसे ज्यादा सवाल पूछे ? - विधायकों का रिपोर्ट कार्ड
छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार के 3 साल पूरे हो चुके हैं. इस बीच विधानसभा सत्र (chhattisgarh assembly session) में कौन से विधायक ने कितने सवाल पूछे हैं, किस विधायक की कितनी अधिक या कम उपस्थिति रही है, जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
विधायकों का रिपोर्ट कार्ड
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Published : Jul 22, 2022, 10:15 PM IST
रायपुर: बघेल सरकार का लगभग साढ़े 3 साल का समय बीत चुका है. इस बीच कई बार विधानसभा का सत्र आहूत किया गया (chhattisgarh assembly session) लेकिन इस सत्र के दौरान किस विधायक ने सबसे ज्यादा सवाल लगाए? किस विधायक ने सदन में चुप्पी साधी? कौन विधायक सबसे ज्यादा सदन में रहा उपस्थित? किसने सदन से बनाई दूरी?कौन स्मार्ट विधायक है और कौन लूजर?किस पार्टी के विधायक से ज्यादा सक्रिय और किस पार्टी के विधायक निष्क्रिय है?आखिर इसका निर्धारण किस तरीके से किया जाए? इसे लेकर आज हम कुछ आंकड़े पेश करने जा रहे हैं, जिसमें विधायकों के द्वारा पूछे गए सवाल और सदन में उनकी उपस्थिति का उल्लेख किया गया है. इन आंकड़ों से आप स्वयं आकलन कर सकते हैं कि कौन सा विधायक स्मार्ट है और कौन सा लूजर?
विधानसभा की बैठक के दौरान सदन की कार्यवाही का पहला घंटा प्रश्नकाल का होता है. इस दौरान विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं, मांगों सहित सरकार के कामकाज से जुड़े प्रश्न करते हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. इस सत्र के दौरान सक्रिय और निष्क्रिय विधायकों को लेकर चर्चा है.
आइए जानने की कोशिश करते हैं कि इस दौरान किस दल के किस विधायक ने सबसे ज्यादा सवाल पूछे? साथ ही यह भी बताने की कोशिश करेंगे कि उनकी सदन में उपस्थिति कितनी रही? क्योंकि माना जाता है कि जो विधायक सदन में सबसे ज्यादा उपस्थित होता है और सवाल लगाता है? वह अपने क्षेत्र को लेकर सजग रहता है. इससे उसकी सक्रियता भी झलकती है. वहीं, जो विधायक सदन में उपस्थित नहीं रहता है या फिर उपस्थित रहते हैं. वह सवाल नहीं पूछता है. वह निष्क्रिय होता है.
कांग्रेस भी सवाल पूछने में किसी से कम नहीं:इन आकड़ों से साफ झलकता है कि सदन में सवाल पूछने के मामले में सिर्फ विपक्ष ही आगे नहीं रहा बल्कि सत्ता दल के विधायकों ने भी अपने ही सरकार से सवालों की झड़ी लगा दी है. विधानसभा में सरकार से प्रश्न करने के मामले में सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ विधायक विपक्षी सदस्यों को टक्कर दे रहे हैं. जनवरी 2019 से लेकर मार्च 2022 तक विधानसभा में कुल 87 बैठके हुई. इनमें कुल 15, 440 प्रश्न पूछे गए हैं. सबसे ज्यादा 446 प्रश्न नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछे हैं. बसपा के केशव चंद्रा और भाजपा के अजय चंद्राकर 444 प्रश्नों के साथ दूसरे नंबर पर हैं. सरकार से 400 से अधिक सवाल करने वालों में सत्तापक्ष के भी चार विधायक शामिल हैं. इनमें सबसे ज्यादा 440 प्रश्न केशकाल सीट से दूसरी बार के विधायक संतराम नेताम ने किया है.
सदन में सवाल पूछने में मोहित राम पीछे: सदन में सवाल पूछने के मामले में मोहित राम सबसे पीछे हैं. पाली-तानाखार सीट से कांग्रेस विधायक मोहित राम ने अब तक केवल 12 प्रश्न पूछे हैं. खास बात यह है कि मोहित राम 87 बैठकों में से वे 84 बैठकों में उपस्थित रहे. बावजूद इसके उन्होंने महज 12 सवाल लगाएं यानी कि ज्यादातर बैठकों में मोहन ने चुप्पी साधे रखी थी. कांग्रेस से बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने 14 और कांग्रेस के ही बसना विधायक देवेंद्र बाहदुर सिंह ने 16 प्रश्न पूछे हैं.
कांग्रेस विधायक भुवनेश्वर शोभाराम बघेल की सदन में 100 फीसद उपस्थिति:बात अगर उपस्थिति की करें तो जनवरी 2019 से लेकर मार्च 2022 तक विधानसभा में कुल 87 बैठकें आयोजित की गई. इन बैठकों में डोंगरगढ़ से कांग्रेस विधायक भुवनेश्वर शोभाराम बघेल सबसे ज्यादा उपस्थित रहे. या यूं कहें कि भुवनेश्वर ने विधानसभा की एक भी बैठक नहीं छोड़ी. 87 बैठकों में से 87 बैठकों में भुवनेश्वर उपस्थित रहे.
सदन में ज्यादा उपस्थित रहने वाले विधायक:कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे, भाजपा से रजनीश कुमार सिंह, डमरूधर पुजारी और अजय चंद्राकर सबसे ज्यादा उपस्थित रहे. यह विधायक 87 बैठकों में से 86 बैठक में शामिल हुए. कांग्रेस विधायक चक्रधर सिंह सिदार, अनीता योगेंद्र शर्मा, लक्ष्मी ध्रुव, छन्नी चंद्र साहू ओर भाजपा विधायक रंजना दीपेंद्र साहू 85 बैठकों में शामिल हुई. कांग्रेस विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े, मोहित राम, शकुंतला साहू और भाजपा विधायक नारायण चंदेल 84 बैठकों में शामिल हुए.
सदन में कम उपस्थित रहने वाले विधायक: यदि 87 बैठकों में से सबसे कम उपस्थिति वाले विधायकों की बात की जाए तो उसमें कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी कांग्रेस 39, अमितेश शुक्ला 43, देवेंद्र यादव 53, खेलसाय सिंह 57, विकास उपाध्याय 63, अरुण वोरा 65, द्वारिकाधीश यादव 68 और दिलेश्वर साहू 69 बैठकों में शामिल हुए. वहीं भाजपा से सबसे कम बैठकों में शामिल होने वाले विधायकों में विद्या रतन भसीन है, जो 87 बैठकों में से महज 51 बैठकों में उपस्थित रहे. इसमें उन विधायकों के आंकड़े शामिल नहीं है, जो साल 2019 से मार्च 2022 के बीच दिवंगत हो गए हैं. या फिर उप-विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचित होकर आए हैं.
विपक्ष से ज्यादा सवाल पूछने वाले विधायक और उनकी उपस्थिति: