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कनाडा में हिंसा, भारत विरोधी गतिविधियां को लेकर भारतीय नागरिक, छात्र सतर्क रहें : विदेश मंत्रालय - indian nationals in canada

कनाडा में अपराध और भारत विरोधी गतिविधियों में इजाफा होने पर विदेश मंत्रालय ने वहां पर भारतीय नागरिकों और स्टूडेंट को चौकस रहने की एडवाइजरी (mea issues advisory) जारी की है.

remain vigilant mea issues advisory to indians in canada
कनाडा में भारतीय नागरिक व छात्र सतर्क रहें

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Published : Sep 23, 2022, 3:32 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कनाडा में घृणा अपराध, नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है, ऐसे में वहां भारतीय नागरिकों और छात्रों को सचेत एवं चौकस रहने की सलाह दी जाती है. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, कनाडा में भारत के नागरिकों एवं छात्रों के लिये जारी परामर्श में कहा गया कि कनाडा में घृणा अपराध, नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है.

विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग एवं महावाणिज्य दूतावास ने वहां के प्रशासन के समक्ष इन घटनाओं को उठाया है और ऐसे अपराध की जांच करने एवं उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है. इसमें कहा गया है कि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों को कनाडा में अब तक न्याय के कठघरे में नहीं खड़ा किया गया है.

मंत्रालय ने कहा, 'ऐसे अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए कनाडा में भारतीय नागरिकों एवं छात्रों तथा वहां यात्रा/शिक्षा के लिए जाने वालों को सचेत एवं सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.' बयान में कहा गया है कि कनाडा में भारतीय नागरिक एवं छात्र ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वेंकूवर में महावाणिज्य दूतावास के साथ संबंधित वेबसाइट या 'मदद पोर्टल' पर पंजीकरण करा सकते हैं. इसमें कहा गया है कि पंजीकरण कराने से उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास के लिये किसी भी जरूरत या आपात स्थिति में कनाडा में भारतीय नागरिकों से बेहतर ढंग से सम्पर्क करना सुगम होगा.

एक दिन पहले ही, भारत ने कनाडा में 'तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह' पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह 'बेहद आपत्तिजनक' है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी गई. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा था कि भारत ने इस मामले को राजनयिक माध्यमों से कनाडा के प्रशासन के समक्ष उठाया है और इस मुद्दे को कनाडा के समक्ष उठाना जारी रखेगा.

उन्होंने तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह को फर्जी कवायद करार दिया था. बागची ने कहा था कि कनाडा ने भारत की सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कही है, लेकिन यह बेहद आपत्तिजनक है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी जा रही है. प्रवक्ता के अनुसार, कनाडा सरकार ने कहा था कि वे उनके देश में हो रहे तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देते हैं.

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