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मध्य प्रदेश: नकली रेमडेसिवर मामलें में सिटी अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज - मध्य प्रदेश न्यूज

जबलपुर के एक सिटी अस्पताल के संचालक के खिलाफ लगातार लोग शिकायत करने अस्पताल पहुंच रहे हैं. दरअसल आरोप है कि यहां कोरोना मरीज के परिजनों से लाखों रुपए लेकर मरीज को नकली रेमडेसिवर के इंजेक्शन लगाए जाते थे. जिसकी वजह से मरीज की जान नहीं बच पाती थी.

Jabalpur City Hospital
रेमडेसिवर इंजेक्शन

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Published : May 14, 2021, 10:25 AM IST

जबलपुरः लाखों रुपए लेकर नकली इंजेक्शन लगाने वाले जबलपुर के सिटी अस्पताल के कारनामों की अब लगातार पोल खुल रही है. मामला उजागर होने के बाद अब लोग अस्पताल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने लगे हैं. हाल ही में कुछ मरीजों के परिजनों ने सिटी अस्पताल संचालक के खिलाफ ओमती थाने में शिकायत दर्ज करवाई और मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

महिला ने एएसपी को दिया आवेदन

माढ़ोताल थाना क्षेत्र में रहने वाली नीतू शिवहरे ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को शिकायत की. अपनी शिकायत में नीतू ने बताया कि एक अप्रैल को उसने अपने पति को सिटी अस्पताल में भर्ती करवाया था जिन्हें बस मामूली बुखार था. मनोज शिवहरे के अस्पताल में भर्ती होते ही परिजनों से इलाज के नाम पर रुपए वसूले जाने लगे. नीतू ने बताया कि उसने जैसे-तैसे व्यवस्था करके ढाई लाख रुपए अस्पताल में जमा करवाए थे, जिससे उसके पति को 4 रेमडेसिवर इंजेक्शन लगाए गए. इसके बाद 9 अप्रैल को अचानक उनके पति की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई.

रेमडेसिवर इंजेक्शन

ओमती थाने में शिकायत दर्ज

इधर मंडला में रहने वाले मृतक किराना व्यापारी जगदीश के परिजनों ने भी सिटी अस्पताल के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने ओमती थाने में शिकायत दर्ज करवाई है कि करीब 19 दिन तक 36 वर्षीय जगदीश को अस्पताल में भर्ती रखा गया और इस दौरान 6,83,000 रुपए का बिल उनसे वसूला गया. परिजनों का आरोप है कि इतना बिल भरने के बाद मरीज को 9 इंजेक्शन लगे लेकिन फिर भी जगदीश की मौत हो गई.

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परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की

सिटी अस्पताल के कारनामे उजागर होने के बाद अब परिजनों ने शिकायत करना शुरू कर दी है. परिजनों की शिकायत पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी का कहना है कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी और जांच में अगर पाया जाता है कि लापरवाही बरती गई है तो दोषियों पर कड़ी कार्यवाही भी होगी.

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