नई दिल्ली : मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल के दौरान उसकी पूर्ववर्ती सरकार के आठ साल के मुकाबले 181 प्रतिशत अधिक मामले मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ पंजीकृत हुए। यह जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़े में सामने आई है. शाह ने कहा, 'मोदी सरकार के बहु आयामी प्रयासों की वजह से मादक पदार्थों की जब्ती में 145 प्रतिशत वृद्धि हुई है जबकि एनसीबी (राष्ट्रीय स्वापक ब्यूरो) द्वारा मादक पदार्थों के कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों में 181 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.'
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने शपथ ली थी. वर्ष 2014-22 के डाटा (वर्ष 2022 के लिए वैकल्पिक आंकड़े) के अनुसार इस अवधि में एनसीबी ने 3,544 मामले दर्ज किए और 3,408 लोगों को गिरफ्तार किया. वहीं, गत नौ साल में 3,73,495 किलोग्राम मादक पदार्थों की जब्ती की गई जिसकी कीमत करीब 22,000 करोड़ रुपये थी। आंकड़ों के मुताबिक मोदी सरकार की पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम आठ साल के मुकाबले यह राशि करीब 30 गुना अधिक है.
एनसीबी डाटा के मुताबिक वर्ष 2006 से 2013 के बीच मादक पदार्थ को लेकर 1,257 मामले दर्ज किए गए थे और 1,363 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उक्त अवधि में 1,52,206 किलोग्राम मादक पदार्थों की जब्ती की गई थी जिसकी कीमत करीब 768 करोड़ रुपये थी. एनसीबी द्वारा संकलित अन्य आंकड़ों के मुाबिक सभी मादक पदार्थ रोधी एजेंसियों ने जून 2022 से 24 मार्च 2023 की अवधि में 5,94,620 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किये जिनकी कीमत 8,409 करोड़ रुपये थी.
एजेंसियां मादक पदार्थ कारोबारियों के खिलाफ कठोर रवैया अपनाएं : शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थ रोधी एजेंसियों को मादक पदार्थ तस्करों से कठोरता से निपटना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि मादक पदार्थ तस्कर असली गुनहगार हैं, जबकि जो नशीले पदार्थ का सेवन करते हैं वे पीड़ित हैं. उन्होंने मादक पदार्थ के युवाओं के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था व सुरक्षा पर पड़ने वाले नकारात्मक असर का हवाला देते हुए सभी राज्यों से करीबी समन्वय से काम करने की अपील की. उन्होंने राज्यों से अपनी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर 'सरकार की एक इकाई' और टीम इंडिया के तौर पर मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मादक पदार्थ रोधी कार्यबलों के प्रमुखों के पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की आजादी के 100वें वर्ष यानी 2047 में भारत को नशे से मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा, 'मादक पदार्थ के कारोबारी मुख्य रूप से गुनहगार हैं जबकि इनका इस्तेमाल करने वाले पीड़ित हैं. हमें मादक पदार्थ कारोबारियों के खिलाफ कठोर रुख अपनाना चाहिए और उनके खिलाफ यथासंभव मजबूत कदम उठाने चाहिए.'