देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के सामने मौसम सबसे बड़ी चुनौती बन रहा है. चारधाम में बिगड़ते मौसम के कारण सरकार को भी बार-बार यात्रा रोकनी पड़ रही है. वहीं, अभी खराब मौसम और केदारनाथ में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए सरकार ने आगामी 10 जून तक केदारनाथ यात्रा के ऑफलाइन और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है. हालांकि जिनका रजिस्ट्रेशन पहले से हो रखा है, वो लोग केदारनाथ धाम जा सकते हैं.
जैसी कि उत्तराखंड सरकार ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि इस बार चारधाम यात्रा में भक्तों की संख्या पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी, वो होता हुआ भी दिख रहा है. अभीतक करीब 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु उत्तराखंड के चारधाम में दर्शन कर चुके हैं, वहीं 40 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. वहीं केदारनाथ धाम की बात करें तो यहां मौसम समेत अन्य सभी मुश्किलों को पार करते हुए बाबा के भक्त बड़ी संख्या में धाम पहुंच रहे हैं.
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केदारनाथ धाम में भक्तों की भीड़: सरकार आंकड़ों पर गौर करें तो अभीतक 7 लाख 13 हजार भक्तों ने बाबा केदार के दर पर माथा टेका है. ऐसे में केदारनाथ धाम में भक्तों की बढ़ती संख्या को संभाल पाना प्रशासन के लिए भी थोड़ा मुश्किल हो रहा है. यही कारण है कि सरकार को बीच-बीच में भक्तों की संख्या को सीमित रखने के लिए रजिस्ट्रेशन बंद करने पड़ रहे हैं.
22 अप्रैल को शुरू हुई थी यात्रा: बता दें कि 22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई थी. इसके बाद 24 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे.
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हेमकुंड साहिब में बड़ा हादसा: केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं के सामने इस बार सबसे बड़ी चुनौती मौसम ही है. दोनों धामों में पहुंचने के लिए इस बार श्रद्धालुओं को ग्लेशियरों के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है. रविवार शाम को हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर ग्लेशियर टूट गया था, जिसमें 6 श्रद्धालु फंस गए थे, जिसमें से पांच को तो एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित निकाल लिया था, लेकिन एक महिला की मौत हो गई थी. जिसका शव सोमवार सुबह निकाला गया.