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विश्व शरणार्थी दिवस : शरणार्थी कलाकार ने ट्विटर इमोजी के जरिये बयां किया 'दर्द'

20 जून काे दुनिया भर में विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में नामित किया था.

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Published : Jun 20, 2021, 6:00 AM IST

हैदराबाद :विस्थापन एक वैश्विक समस्या है, जिसका समाधान पूरी तरह से कभी नहीं किया जा सकता है. एक रिपाेर्ट के मुताबिक,दुनिया भर में 80 मिलियन से अधिक लोगों को अपने घर या देश से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया है.

संयुक्त राष्ट्र ने 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में नामित किया था. जबरन विस्थापित लोगों के अधिकारों, जरूरतों काे लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए ट्विटर ने कई वर्षों तक यूएनएचसीआर के साथ काम किया है.

इमोजी बनाने के लिए अफगान-कनाडाई कलाकार का चयन

यह पहली बार है जब इमोजी को किसी शरणार्थी ने डिजाइन किया है. न्यूयार्क- यूएनएचसीआर, यूएन रिफ्यूजी एजेंसी और ट्विटर युद्ध और उत्पीड़न से भागने के लिए मजबूर लाखों लोगों के सम्मान में एक इमोजी डिजाइन करने में शरणार्थी के साथ खड़े हुए हैं.

यूएनएचसीआर (UNHCR ) और ट्विटर (Twitter) ने प्रत्येक वर्ष 20 जून को मनाए जाने वाले विश्व शरणार्थी दिवस (World Refugee Day) के लिए इमोजी बनाने के लिए अफगान-कनाडाई कलाकार हंगामा अमीरी (Afghan-Canadian artist Hangama Amiri )को नियुक्त किया है. डिजाइन में सुरक्षा और एकजुटता के प्रतीक के लिए दो हाथों के बीच एक नीले रंग से दिल बना है. यह लाइव हो गया है और 23 जून तक 12 भाषाओं में हैशटैग #WorldRefugeeDay, #WithRefugees और #RefugeeDay का उपयोग करने वाले किसी भी ट्वीट पर सक्रिय (activated) हो जाएगा.

महामारी के दौरान सोशल मीडिया कई लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी, समाचारों, मित्रों और परिवार के साथ बातचीत आदि के लिए एक जरिया रहा है. यह यूएनएचसीआर जैसे संगठनों के लिए भी महत्वपूर्ण रहा है, जहां सोशल मीडिया और विशेष रूप से ट्विटर हमारे संचार और बाहरी पहुंच का एक हिस्सा है, जो हमें सूचित करने, प्रेरित करने में सक्षम बनाता है. यूएनएचसीआर लंबे समय से चली आ रही साझेदारी और शरणार्थियाें के समर्थन के लिए ट्विटर का आभारी है.

ड्राइंग से चीजाें काे समझने में हाेती है आसानी

हंगामा अमीरी का जन्म पाकिस्तान में एक शरणार्थी शिविर में हुआ था और अपने मूल निवास स्थान अफगानिस्तान में चल रहे संघर्ष के कारण बचपन में कई बार विस्थापित हाेना पड़ा. अमीरी ने कहा कि ड्राइंग ने उन्हें सुरक्षित महसूस करने और अपने आस-पास की चीजों को समझने में मदद की.

तजिकिस्तान में रहते हुए उन्हें UNHCR द्वारा आयोजित एक कला प्रतियोगिता जीतने के बाद उन्हें छात्रवृत्ति मिली. 2005 में उन्हें और उसके परिवार को कनाडा के नोवा स्कोटिया में फिर से बसाया गया. उन्हाेंने हाल ही में युनाइटेड स्टेट्स के येल स्कूल ऑफ आर्ट से स्नातक की डिग्री पूरी की है.

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शरणार्थी एक वैश्विक मुद्दा

विश्व में विस्थापन के उच्चतम स्तर को देखा जा रहा है. 2018 के अंत में दुनिया भर में 70.8 मिलियन लोगों को संघर्ष और उत्पीड़न की वजह से मजबूर हाेकर विस्थापन करना पड़ा.

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