नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने देश के विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के संबंध में केंद्र के जवाब को अस्वीकार करते हुए कहा है कि शिक्षा मंत्रालय को भर्ती प्रक्रिया तेज करने के लिए राज्यों के साथ बातचीत करनी चाहिए. संसद के दोनों सदनों में आठ अगस्त को पेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विवेक ठाकुर की अध्यक्षता वाली शिक्षा, महिला, बाल, युवा एवं खेल संबंधी स्थायी समिति की सरकार द्वारा की गई कार्रवाई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है.
देश के विभिन्न राज्यों में स्कूलों में शिक्षकों के कुल 9,86,565 पद रिक्त हैं. रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय ने समिति को बताया कि स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग समय-समय पर समीक्षा बैठकों और परामर्श के माध्यम से राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्र सरकारों से शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने तथा उनकी तर्कसंगत तैनाती का अनुरोध करती है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची में शामिल विषय है और केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले/वित्त पोषित स्कूलों के अलावा अन्य स्कूल संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों के नियंत्रण के तहत आते हैं.
मंत्रालय ने समिति को यह भी बताया कि स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती संबद्ध राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों की जिम्मेदारी है और वे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और समबद्ध तरीके से पूरी हो. संसदीय समिति ने इस विषय पर सरकार के उत्तर को अस्वीकार करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्रालय को भर्ती प्रक्रिया तेज करने के लिए राज्यों के साथ बातचीत करनी चाहिए और नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न चरणों वाली समयबद्ध कार्य योजना तैयार करनी चाहिए.