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तेलंगाना: गोदावरी नदी में रिकॉर्ड जलस्तर, तीन दशकों के बाद फिर से खतरा

दक्षिण भारत की प्रमुख नदियों में से एक गोदावरी नदी में जलस्तर बढ़ने से तेलंगाना के कई इलाके जलमग्न हो गये. वहीं, कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. विभाग के अनुसार तीन दशकों बाद एक बार फिर गोदावरी नदी रिकॉर्ड जलस्तर दर्ज किया गया.

Record flow at Bhadrachalam threatens again after three decades
तेलंगाना: भद्राचलम में रिकॉर्ड प्रवाह, तीन दशकों के बाद फिर से खतरा

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Published : Jul 16, 2022, 11:45 AM IST

Updated : Jul 16, 2022, 1:28 PM IST

हैदराबाद:गोदावरी नदी में बाढ़ दिन-ब-दिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. गोदावरी नदी में 32 साल बाद एक बार फिर जलस्तर 70 फीट को पार कर गया है. प्रति घंटे प्रवाह में वृद्धि हो रही है जिससे लोग डरे हुए हैं. शुक्रवार रात दस बजे जलस्तर 71 फीट तक पहुंच गया. बढ़ती धारा ने कई गांवों को जलमग्न कर दिया है. शनिवार की सुबह स्थिति और खराब हो गयी.

केंद्रीय जल समिति एवं सिंचाई विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार गोदावरी नदी अपने इतिहास में दो बार 70 फीट का स्तर पार किया है और यह तीसरी बार है. 1986 में उच्चतम स्तर 75.6 फीट और 1990 में 70.8 फीट था. बाढ़ ने अब 1990 के रिकॉर्ड को पार कर लिया है. मुख्य गोदावरी में श्री रामसागर से एलमपल्ली तक बाढ़ कुछ हद तक शांत हो गई है और स्थानीय स्तर पर बारिश कम होने के कारण प्रवाह थोड़ा धीमा हो गया है. लेकिन, कलेश्वरम में शुक्रवार को स्थिति खराब रही.

प्राणहिता से भारी बाढ़ और स्थानीय धाराओं से पानी आ रहा था. मेदिगड्डा में शुक्रवार दोपहर 28.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, लेकिन शाम सात बजे तक यह घटकर 24.25 लाख क्यूसेक रह गया. मेदिगड्डा का पूर्ण जल स्तर 100 मीटर है और दोपहर में स्तर 104.5 मीटर है. शाम को यह घटकर 102.80 मीटर रह गया. पूरा क्षेत्र समुद्र के सामने है क्योंकि यह अभी भी अपने पूर्ण जल स्तर से भरा हुआ है और इसमें बाढ़ का प्रवाह सबसे अधिक है. डाउनस्ट्रीम, गुंडम में 26 लाख क्यूसेक पानी के साथ समान उछाल जारी है.

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एलमपल्ली में आयी बाढ़:श्री रामसागर में बाढ़ कम हो गई है. यह गोदावरी के ऊपर स्थित है. शुक्रवार शाम छह बजे यह 96 हजार क्यूसेक पानी था, जबकि 90 हजार क्यूसेक डाउनस्ट्रीम छोड़ा गया. कदेम परियोजना में प्रवाह पूरी तरह से कम हो गया है. केवल 14,000 क्यूसेक आया और 18,000 क्यूसेक नीचे की ओर चला गया. इस परियोजना में पेड़ फंस गए और फाटकों का रखरखाव मुश्किल हो गया, इसलिए उनकी मरम्मत के प्रयास शुरू हो गए. एलमपल्ली में 3.76 लाख क्यूसेक पानी पहुंचा जबकि 3.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया.

Last Updated : Jul 16, 2022, 1:28 PM IST

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