पटना :भारतीय इतिहास के काले पन्नों में दर्ज इमरजेंसी के दौरान नागरिकों के तमाम अधिकार छीन लिए गए थे. चुनाव स्थगित हो गए. यही नहीं, इंदिरा गांधी ने मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटीएक्ट यानी मीसा लागू करके अपने तमाम राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया था. 25 जून 1975 का वो दिन था, जब देश में आपातकाल लगाया गया था. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दबाव में आपातकाल की घोषणा की थी. इसे आज भी इतिहास के सबसे विवादित दिनों के तौर पर देखा जाता है. आपातकाल 21 मार्च 1977 तक चला था.
यही वक्त था, जब समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और युवाओं की परेशानियों को लेकर जयप्रकाश नारायण ने बिहार की धरती से एक बड़े आंदोलन का आह्वान किया. उन्होंने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया. जेपी की संपूर्ण क्रांति के पक्ष में युवाओं की फौज सड़कों पर उतर गई थी, जो इंदिरा गांधी के लिए बड़ी चुनौती बनी थी.
राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार कहते हैं कि जेपी ने किसी सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था, लेकिन इंदिरा गांधी ने इसे अपने खिलाफ मान लिया और 'मीसा' लागू करके अपने तमाम राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया.