हैदराबाद : प. बंगाल का चुनाव परिणाम आ चुका है. तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार लगातार सत्ता में लौट रही है. पार्टी 200 से अधिक सीटें जीतने की ओर अग्रसर है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने जीत को लेकर मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया. ममता ने कहा कि उन्होंने जनता से जो भी वादा किया, वह उसे पूरा करेंगी. आइए उन वजहों पर एक नजर डालते हैं जिसकी बदौलत टीएमसी को प्रचंड जीत नसीब हुई.
सीएम पद को लेकर सस्पेंस
- भाजपा द्वारा सीएम पद के लिए किसी उम्मीदवार को आगे नहीं करना. पूरा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कंधों पर निर्भर हो गया.
बंगाली अस्मिता का दांव
-ममता बनर्जी ने अपने प्रचार के दौरान क्षेत्रीय राजनीति को अपना आधार बनाए रखा. मोदी-शाह को बार-बार 'बाहरी' कहती रहीं. बंगाली अस्मिता और बंगाली राष्ट्रीयता के पिच पर प्रचार केंद्रित रखा. उन्होंने कहा कि 'बाहर' वाले बंगाली संस्कृति और उनके समावेशिता के भाव को नहीं समझते हैं. ममता का यह दांव काम कर गया.
कल्याणकारी योजनाएं
ममता सरकार ने महिलाओं के लिए कन्याश्री और रुपाश्री दो योजनाएं चलाईं थीं. ऐसा लगता है कि महिला मतदाताओं ने उनका 'कर्ज' अदा किया. कन्याश्री योजना के तहत आठवीं क्लास की लड़कियों को 25 हजार रुपया दिया जाता है. उसके बाद रूपाश्री योजना के तहत लड़कियों के18 साल होने पर उनके परिवार को 25 हजार की सहायता दी जाती है. मुफ्त चावल, मुफ्त राशन की योजना भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रही. 'कट मनी' पर लोगों के गुस्से और ग्रामीण क्षेत्रों में 'जबरन वसूली' के आरोपों के बावजूद कल्याणकारी योजनाएं जनता को ज्यादा भायी.
सीपीएम-कांग्रेस का परंपरागत वोट शिफ्ट