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रियल हीरो भैरो सिंह का हुआ अंतिम संस्कार, BSF ने साझा किया वीर का आखिरी संदेश

भैरो सिंह राठौड़ का देश ऋणी है. अपनी जान पर खेलकर इन्होंने 1971 के युद्ध में लोंगेवाला पोस्ट पर दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए थे. अकेले लांस नायक ने कइयों का दिलेरी से सामना किया. ये हीरो आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन इनकी बहादुरी की चर्चा हमेशा रहेगी. भैरो सिंह राठौड़ की पार्थिव देह उनके गांव सोलंकियातला पूरे सम्मान के साथ बीएसएफ लेकर पहुंची तो गांव में भैरो सिंह अमर रहे नाम के नारे गूंजते रहे. उनके बेटे सवाई सिंह ने मुखाग्नि दी. बीएसएफ ने 1971 के इस हीरो का एक वीडियो रिलीज किया है (Bhairo Singh remembered). जिसमें भैरो सिंह ने उस वक्त के एक एक पल को साझा किया है.

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रियल हीरो भैरो सिंह का हुआ अंतिम संस्कार.

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Published : Dec 20, 2022, 10:19 PM IST

रियल हीरो भैरो सिंह का हुआ अंतिम संस्कार.

जोधपुर.1971 युद्ध में लोंगेवाला पोस्ट के नायक भैरोसिंह (Bhairo Singh remembered) अब दुनिया में नहीं रहे. भैरो सिंह राठौड़ की पार्थिव देह उनके गांव सोलंकियातला पूरे सम्मान के साथ बीएसएफ लेकर पहुंची तो गांव में भैरो सिंह अमर रहे नाम के नारे गूंजते रहे. घर में पारंपरिक रस्मों के बाद शव यात्रा शुरू हुई. जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद उनके पुत्र सवाई सिंह ने मुखाग्नि दी.

बीएसएफ की 14 वीं बटालियन में सेवा देने वाले नायक भैरोसिंह ने विजय गाथा कि कहानी कुछ दिन पहले ही कैमरे के सामने दोहराई थी. बीएसएफ ने आज उसे साझा किया. अपने संस्मरण में उन्होंने 5 दिसंबर की रात से छह दिसंबर 1971 की सुबह तक की दास्तान सुनाई थी. उन्होंने बताया था कि कैसे आधी रात के बाद चार घंटे तक उन्होंने अपने 125 साथियों के साथ मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी की अगुवाई में पाकिस्तान की पूरी इन्फेंट्री के साथ मुकाबला किया था (Last rites of Bairo Singh Rathore).

उन पलों को याद कर बताया था कि- पाकिस्तान की फौज भारतीय पोस्ट के मुहाने तक पहुंच गई थी. भारत ने फायरिंग शुरू की. पाकिस्तान ने भी गोले बरसाने शुरू कर दिए. सब हतप्रभ थे. इस दौरान आवाज सुनाई दी कि डरना मत मैं तुम्हारे साथ हूं. भैरोसिंह के मुताबिक वो आवाज तनोट माता की थी. उसके बाद भारतीय जवानों ने अपना दम खम दिखाया. पाक फौज को आगे नहीं बढ़ने दिया.

BSF ने साझा किया वीर का आखिरी संदेश

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भोर हुई तो भारतीय वायुसेना ने आसमान में मोर्चा संभाल लिया. भैरोसिंह उन जवानों में से थे जिन्होंने अंत तक अपनी पोस्ट में मोर्चा संभाले रखा था. जिसके चलते बीएसएफ के जवान होते हुए भी उनको सेना मेडल से नवाजा गया. भैरोसिंह 1987 में बीएसएफ से सेवा निवृत हुए थे. गत दिनों बीमारी की वजह से दो बार एम्स में भर्ती हुए थे. सोमवार को जोधपुर एम्स में ही उन्होंने अंतिम सांस ली.

पहुंची वसुंधरा-पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार सुबह जोधपुर पहुंची. जोधपुर एयरपोर्ट पर उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया. इसके बाद वसुंधरा राजे सीधे बीएसएफ के एसटीएफ सेंटर गई जहां उन्होंने दिवंगत बीएसएफ के जवान नायक भैरो सिंह को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद वह भूंगरा गांव के लिए रवाना हो गई जहां गैस सिलेंडर हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलेंगी.

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