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Mistry On CWC Polls : मधुसूदन मिस्त्री बोले, अगर कहा जाएगा तो सीवीसी चुनाव कराने को तैयार

कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि अगर उनसे कहा जाएगा तो वह कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) का चुनाव कराने के लिए तैयार है (Mistry On CWC Polls). उनके मुताबिक एआईसीसी प्रतिनिधियों की कुल संख्या 12 सौ से 13 सौ के बीच होगी. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

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Published : Feb 17, 2023, 3:20 PM IST

Mistry On CWC Polls
मधुसूदन मिस्त्री

नई दिल्ली : रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक होने वाले पूर्ण अधिवेशन से कुछ दिन पहले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने शुक्रवार को कहा कि अगर उनसे कहा जाए तो वह कांग्रेस कार्यसमिति का चुनाव कराने के लिए तैयार हैं (Mistry On CWC Polls).

मिस्त्री ने कहा कि 'यदि यह तय हो जाता है और कांग्रेस अध्यक्ष हमसे ऐसा करने के लिए कहते हैं तो हम सीडब्ल्यूसी चुनाव कराने के लिए तैयार हैं.' मिस्त्री ने कहा, तदनुसार सीईए को जल्द ही एआईसीसी प्रतिनिधियों की एक अपडेट सूची मिलेगी जो संबंधित राज्य इकाइयों से चुनाव में मतदान करेंगे. एआईसीसी प्रतिनिधियों की कुल संख्या 1,200-1,300 के बीच होगी. यह इस फॉर्मूले के आधार पर किया जाएगा कि प्रत्येक आठ पीसीसी प्रतिनिधियों के लिए एआईसीसी का एक प्रतिनिधि चुना जाता है.

सीईए के प्रमुख के रूप में मिस्त्री ने पिछले साल अक्टूबर में सफलतापूर्वक चुनाव कराया था, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था. इस चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को बड़े अंतर से हरा दिया था. लगभग 9,000 पीसीसी प्रतिनिधियों ने चुनाव में मतदान किया था. अपने अध्यक्ष चुनाव अभियान के दौरान और बाद में भी खड़गे ने कांग्रेस व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण निकाय सीडब्ल्यूसी के लिए चुनाव कराने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया था.

जबकि अध्यक्ष चुनाव कराने के पीछे मुख्य मंशा भाजपा के इस आरोप को कुंद करना था कि कांग्रेस वंशवाद की राजनीति करती है. आंतरिक चुनाव कराने के कदम ने भी कांग्रेस को सत्तारूढ़ भाजपा की तुलना में अपनी लोकतांत्रिक साख को प्रोजेक्ट करने में मदद की. भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा को बिना किसी अभ्यास के हाल ही में इस पद के लिए एक विस्तार मिला है.

इसके बाद से ही पार्टी में इस मुद्दे को लेकर कयासों का दौर तेज हो गया है. आखिरी बार पार्टी में सीडब्ल्यूसी चुनाव 1997 में हुआ था. एआईसीसी सचिव ने चुटकी ली कि यह 25 साल पहले था. यह तो काफी लंबा वक्त है. हममें से अधिकांश ने उस युग को नहीं देखा है.

सीडब्ल्यूसी चुनाव कराने के लाभों के बारे में उनके विचार के बारे में पूछे जाने पर मिस्त्री ने टिप्पणी करने से परहेज किया, लेकिन कहा कि सीईए के प्रमुख के रूप में उनकी एक निश्चित जिम्मेदारी थी और जरूरत पड़ने पर वह इसे उठाने के लिए तैयार थे.

पार्टी संविधान के अनुसार एक नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद एक पूर्ण सत्र अनिवार्य है, जिसे एआईसीसी प्रतिनिधियों से समर्थन मिलता है. 2018 में आयोजित पिछले पूर्ण सत्र ने राहुल गांधी का समर्थन किया था, जो दिसंबर 2017 में पार्टी प्रमुख बने. राहुल को सर्वसम्मति से चुना गया क्योंकि कोई प्रतियोगी नहीं था और इसलिए कोई मतदान नहीं हुआ.

नए पार्टी प्रमुख का समर्थन करने के बाद, राहुल को सीडब्ल्यूसी सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत करने वाला एक लाइन का प्रस्ताव पिछले पूर्ण सत्र के दौरान पारित किया गया था.

हालांकि, इस बार रायपुर में सत्र के पहले दिन 24 फरवरी को खड़गे की अध्यक्षता वाली 47 सदस्यीय संचालन समिति की बैठक के दौरान सीडब्ल्यूसी चुनाव कराने या न कराने के मुद्दे पर बहस होगी. मिस्त्री के अनुसार, सीडब्ल्यूसी के चुनाव पूर्ण सत्र स्थल पर हो सकते हैं और इसके लिए किसी विस्तृत कार्यक्रम की आवश्यकता नहीं होगी, जैसा कि अध्यक्ष चुनावों में किया गया था.

मिस्त्री ने कहा कि यह विभिन्न संसदीय समितियों के लिए मतदान करने जैसा है. सदस्य जाते हैं और वोट देते हैं, भले ही दोनों सदन काम कर रहे हों. कोई समस्या नहीं होगी.

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