नई दिल्ली : जेएनयू के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने कहा कि यह फैसला कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला सही था और भारत का मुकुट बिना किसी कांटे के चमकेगा.
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने पीएम मोदी का एक पुराना वीडियो डाला. वह किसी और परिप्रेक्ष्य में बातचीत कर रहे थे, लेकिन यहां पर इस वीडियो को तंज के तौर पर यूज किया गया है.
विदेश मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने लिखा है कि आखिरकार यह पूरा हो गया मामला.
भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने लिखा कि आखिरकार नेहरू ने जो गलतियां की थीं, सुप्रीम कोर्ट ने आज खत्म कर दिया.
संजय दीक्षित ने लिखा है कि अब ट्रूथ और रिकॉंशिलिएशन कमेटी का भी गठन होना चाहिए और जो भी जुल्म हुए हैं, उनका हिसाब किया जाना चाहिए.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, इसमें वह कह रहे हैं कि आज हमारे पास बहुमत नहीं है, इसलिए अनुच्छेद 370 पर कदम नहीं उठा रहे हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर भी ट्वीट की जा रही है.
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस पर एक बयान दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अनुच्छेद एक और अनुच्छेद 370 से संकेत मिलता है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर ने अपनी संप्रभुता पूरी तरह से भारत संघ को सौंप दी है. सीजेआई ने कहा कि राज्य के संविधान में संप्रभुता का कोई भी संदर्भ नहीं है. जबकि इसके ठीक उलट जब आप भारत का संविधान देखेंगे तो पाएंगे कि इसे परिभाषित किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में लिखा है- संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य. लेकिन जम्मू कश्मीर के पास कोई संप्रभुता नहीं है, न ही आंतरिक संप्रभुता है और किसी भी देश को परिभाषित करने के लिए संप्रभुता का होना अनिवार्य होता है.
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