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ममता के पत्र पर सियासी हलचल तेज, विपक्षी नेताओं का मिला साथ

प.बंगाल में दूसरे चरण के चुनाव से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के नेताओं को छोड़कर सभी प्रमुख दलों को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने लिखा है कि अब वह समय आ गया है, जब हमें लोकतंत्र बचाने के लिए भाजपा के खिलाफ इकट्‌ठा हो जाना चाहिए. क्या ममता ने जान बूझकर यह दांव चला है. भाजपा इसे ऐसा ही बता रही है. हालांकि, विपक्षी दलों ने उनकी चिट्ठी पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है.

ममता का पत्र
ममता का पत्र

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Published : Mar 31, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Mar 31, 2021, 9:45 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को छोड़कर सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं को पत्र लिखा है. इस पर नेताओं की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है. ममता ने पत्र लिखकर सभी नेताओं से लोकतंत्र बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की है.

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ममता के लिखे पत्र पर कहा कि 'हम ममता दीदी की बात से सहमत हैं. हमारे लोकतंत्र और इसके मूल्यों की रक्षा के लिए विपक्षी दलों को एकजुट होना अनिवार्य है'.

महबूबा मुफ्ती का ट्वीट.

समाजवादी सरकार में पूर्व मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मिश्रा ने कहा कि निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का कार्य किया है. जिन मुद्दों से आज पूरा देश जूझ रहा है उसे उठाने का काम किया है. सभी लोगों को इस पर मिलकर काम करने की जरूरत है. पूर्व मंत्री का कहना है कि लोकतंत्र की व्यवस्था व संस्थाओं को बचाने व सुरक्षित रखने की बातचीत पत्र के माध्यम से की गई है इसके साथ ही और भी कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मिश्रा की प्रतिक्रिया.

आरजेडी की प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय जनता दल ने ममता की बात से सहमति जताई है और कहा है कि यह पहल तो काफी पहले लालू यादव कर चुके है. अगर तब सभी दल इस बात को समझ जाते तो आज यह नौबत नहीं आती.

आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा किबिहार में जिस तरह से विधानसभा चुनाव में जीती हुई बाजी षड्यंत्र के तहत भाजपा ने पलट दी. वह इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि ममता बनर्जी क्या कहना चाहती हैं.

ममता की बात से सहमत.

लालू यादव काफी पहले से सारी परिस्थितियां समझ कर सबको साथ लेकर चलने की बात कहते रहे हैं. अगर पहले सभी विपक्षी दल इस बात को समझ जाते तो आज यह नौबत नहीं आती. हम सब ममता बनर्जी की बातों से सहमत हैं और उनके साथ हैं.

जगदानंद सिंह ने कहा किममता बनर्जी को इस बात की आशंका है कि जो बिहार में हुआ, वैसे ही स्थिति पश्चिम बंगाल चुनाव में भी हो सकती है. क्योंकि भाजपा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने में माहिर है.

बी एल संतोष का ट्वीट.

तो वहीं बीजेपी ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष के शब्दकोष में लोकतंत्र आखिरी शब्द होना चाहिए. भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष ने बनर्जी के इस पत्र के मद्देनजर ट्वीट किया, ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के शब्दकोष में लोकतंत्र आखिरी शब्द होना चाहिए. उनके कार्यकर्ता भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले करते हैं, मतदाताओं को धमकाते हैं, बूथ पर कब्जा करते हैं और अंत में लोकतंत्र पर उपदेश देते हैं.

नड्डा का पलटवार

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ममता बनर्जी द्वारा लिखे गए पत्र पर निशाना साधा और कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव में यह उनके डूबते जहाज को बचाने का प्रयास था. ममता ने यह मान लिया है कि चुनाव में वह परेशानी में हैं. लोकतंत्र में समान विचारधारा साझा करने वालों को एकजुट करने का अधिकार है, लेकिन इस समय, सभी को पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के लिए कहना चुनाव में स्पष्ट संकेत देता है.

पढ़ें-ममता ने भाजपा को छोड़कर सभी प्रमुख दलों के नेताओं को लिखा पत्र

बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी पार्टियों कोे एकजुट होना जरूरी है. ममता बनर्जी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, शिवसेना प्रमुख व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, 'आप' संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बीजेडी अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और सीपीआई (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य को पत्र लिखा है. इनमें पांच मुख्यमंत्री भी शामिल हैं.

Last Updated : Mar 31, 2021, 9:45 PM IST

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