नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता को बरकरार रखने के फैसले की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सराहना करते हुए, इसे देश के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के अपने 'मिशन' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत करार दिया. भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने अनारक्षित वर्गों के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गरीब कल्याण के दृष्टिकोण के लिए यह एक और बड़ा श्रेय है. सामाजिक न्याय की दिशा में एक ओर कदम.'
इस विचार पर सहमति व्यक्त करते हुए भाजपा महासचिव सीटी रवि ने कहा कि यह फैसला भारत के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के अपने मिशन में मोदी के लिए एक और जीत है. उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से सोमवार को बरकरार रखा. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता.
भाजपा ने राष्ट्रीय जनता दल पर सवाल उठाए हैं. आपको बता दें कि इस आरक्षण बिल का राजद ने विरोध किया था. अब भाजपा ने पूछा है कि इस पर तो सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग चुकी है, अब तेजस्वी यादव किसी मुंह से सवर्णों से वोट मांगेंगे.
मामले में अनुसूचित जाति और जनजाति का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि वे इस फैसले का अध्ययन कर रहे हैं. बाद में वे अगले कानूनी कदमों पर विचार करेंगे.
डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने इस फैसले से असहमति जताई है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत राय ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को दाखिले और सरकारी नौकरियों में आरक्षण से संबंधित फैसले की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक करार दिया. वहीं, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रे ने इस मुद्दे पर किसी तरह की टिप्पणी करने से परहेज किया. लोकसभा सदस्य सौगत रॉय ने कहा, 'यह देश में आर्थिक समानता हासिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम' है.
उन्होंने कहा, 'यह एक ऐतिहासिक फैसला है. संसद ने सर्वसम्मति से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए कानून पारित किया था. इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी. शीर्ष अदालत ने संशोधन को बरकरार रखा है और यह देश में आर्थिक समानता प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.'
राज्यसभा सदस्य और टीएमसी के प्रवक्ता सुखेंदु रे ने कहा, 'शीर्ष अदालत ने एक फैसला सुनाया है और अभी हमारे पास इस बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है.'
कांग्रेस ने कहा कि यह आरक्षण मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा आरंभ की गई प्रक्रिया का परिणाम है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ताजा जाति जनगणना पर उसका क्या रुख है. रमेश ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के संदर्भ में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है.