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अनुच्छेद 370 के फैसले पर प्रतिक्रिया: उद्धव, कर्ण सिंह, आजाद और उमर ने जानिए क्या कहा

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. इसपर नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रिया दी जा रही है. कई नेताओं ने खुशी जाहिर की है तो वहीं कुछ नेताओं ने निराशा जताई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए क्या गारंटी देंगे. reaction on sc verdict on article 370

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आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 11, 2023, 12:36 PM IST

Updated : Dec 11, 2023, 5:47 PM IST

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को संवैधानिक मान्यता देने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे करण सिंह ने कहा, 'मैं इसका स्वागत करता हूं. अब यह स्पष्ट हो गया है कि जो कुछ भी हुआ वह संवैधानिक रूप से वैध है. मैं पीएम मोदी से अनुरोध करता हूं जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए. प्रयास करें.'

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करती है.' डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया.'

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'निराश हूं लेकिन निराश नहीं. संघर्ष जारी रहेगा..'

जम्मू-कश्मीर में धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शिव सेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा, 'हम फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन हिंदुओं का पुनर्वास, आतंकवाद को खत्म करना, जम्मू-कश्मीर के लोगों को मुख्यधारा में शामिल करना जैसी चीजें अभी तक नहीं हुई हैं.'

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के आदेश पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करेगी और लोगों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का मौका देगी.'

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाले सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाकर्ताओं में से एक, जम्मू-कश्मीर अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने सोमवार को फैसले से पहले कहा कि दलीलों के अनुसार हम पहले ही केस जीत चुके हैं. उन्होंने कहा कि जैसा कि सीजेआई ने कहा था कि वह संविधान के पहले और आखिरी अनुयायी हैं. हमने अदालत के सामने जो तर्क रखे हैं, उसके अनुसार हम पहले ही यह केस जीत चुके हैं. जम्मू कश्मीर और लद्दाख एक ही पृष्ठ पर खड़े हैं. अनुच्छेद 370 को अपने आकार में वापस आना होगा. शाह ने कहा, 'हम अच्छे के लिए आशान्वित हैं और सबसे बुरे के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा, 'आज पूरी दुनिया इस मामले को देख रही है.' नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों के पक्ष में होगा. हम शांति के पक्ष में हैं. सरकार ने हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया और केवल इतना कहा कि पर्यटन बढ़ा है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि अनुच्छेद 370 अब अस्थायी प्रावधान नहीं है और जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के भंग होने के बाद यह स्थायी हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील बोले- न्यायालय का निर्णय सही

सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील और संविधान विशेषज्ञ सत्य प्रकाश सिंह ने सोमवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की. सिंह ने ईटीवी भारत से कहा कि 'माननीय सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सही है. 1947-48 में, जब कश्मीर मुद्दा उठा था तब यह (जम्मू-कश्मीर) संवैधानिक रूप से स्वायत्त राज्य नहीं था. यह ब्रिटिश साम्राज्यवाद की संप्रभु शक्ति के अधीन था.'

उन्होंने आगे कहा कि 'इसे भारत में स्थानांतरित कर दिया गया. इसलिए, आज़ादी के बाद जब सरकार बनी तो सारी शक्ति भारत के राष्ट्रपति के पास चली गई. इसलिए, इस संबंध में जो भी निर्णय लिया गया है वह सही है.' उन्होंने आगे कहा कि जब ब्रिटिश साम्राज्य की बातचीत से पाकिस्तान का निर्माण हुआ था, उस समय जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य नहीं था.

कश्मीरी नेता शीबान अशाई ने फैसले पर जताई नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला सुनाए जाने के बाद कश्मीर के नेता शीबान अशाई ने बेहद नाराजगी जताई और कहा कि 'यह कश्मीरियों के साथ घोर अन्याय है.' ईटीवी भारत से बात करते हुए जम्मू कश्मीर पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष शीबान अशाई ने कहा कि 'यह सभी कश्मीरियों के साथ घोर अन्याय है. जो अनुच्छेद भारत और जम्मू कश्मीर को बांधता था, उसे मिटा दिया गया है.'

जब उनसे पूछा गया कि क्या यह फैसला पीएम मोदी की अपील के अनुरूप है कि हमें श्रृंगार और दिल्ली के बीच दिल की दूरी को कम करने की जरूरत है, तो उन्होंने कहा कि 'यह बल्कि बढ़ गया है. आप वहां की स्थिति देखिए. यह सामान्य नहीं है. लेकिन, दिल्ली में बैठे लोग जम्मू कश्मीर का भाग्य तय कर रहे हैं. हम लड़ना जारी रखेंगे.' वहीं दूसरी ओर जम्मू रानी पार्क क्षेत्र में शिव सेना डोगरा फ्रंट ने 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी.

उद्धव ठाकरे ने केंद्र से पूछा- कश्मीरी पंडितों की वापसी की क्या गारंटी?

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और आश्चर्य जताया कि क्या प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीरी पंडितों की उनके पूर्व गृह राज्य में सुरक्षित वापसी की गारंटी देंगे. उन्होंने मांग की कि शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराये जाएं. ठाकरे ने महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.

उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तो हमने इस कदम का समर्थन किया था. हम अगले सितंबर तक चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का भी स्वागत करते हैं. हमें उम्मीद है कि चुनाव जल्द होंगे और लोगों को स्वतंत्र माहौल में मतदान करने का मौका मिलेगा. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) को कश्मीर में मिला दिया जाए ताकि वृहत् कश्मीर में चुनाव हो जो हमारे देश का अभिन्न अंग है.

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Last Updated : Dec 11, 2023, 5:47 PM IST

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