पंजाब में किसानों ने सरकारी अधिकारी को पराली जलाने पर किया मजबूर, मामला दर्ज - बथिंडा एसएसपी
पंजाब के बठिंडा जिले में किसानों के एक समूह ने कथित तौर पर एक सरकारी अधिकारी को पराली जलाने पर मजबूर किया. यह अधिकारी शुक्रवार को किसानों को खेत में पराली जलाने से रोकने के लिए गया हुआ था. पढ़ें पूरी खबर... punjab news, bathinda news, stubble burning, punjab farm fires
पंजाब सीएम द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो से लिया गया स्क्रीन शॉट. (तस्वीर: एक्स/@BhagwantMann)
बठिंडा : पंजाब के बठिंडा जिले में किसानों के एक समूह ने कथित तौर पर एक सरकारी अधिकारी को पराली जलाने के लिए मजबूर कर दिया. यह घटना तब हुई जब अधिकारियों की एक टीम किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए इलाके में पहुंची थी. पंजाब के मुख्यमंत्री भागवंत मान ने अपने एक्स हैंडल पर पूरी घटना का एक कथित वीडियो पोस्ट किया है. इस घटना की निंदा करते हुए मान ने कहा कि इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की जायेगी.
बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गुल्नत सिंह खुराना ने कहा कि यह घटना मेहमा सरजा गांव में नाहियन वला पुलिस स्टेशन की सीमा के अतंगर्त हुई. उन्होंने मीडिया को बताया कि अधिकारियों की एक टीम किसानों को यह समझाने के लिए मेहमा सरजा गांव गई थी. यह टीम किसानों को पराली जलाने से मना करने के लिए गई थी. इस दौरान, वहां के किसानों ने अपने यूनियन के लोगों को बुला लिया. उन्होंने कहा कि किसानों ने हमारे नागरिक प्रशासन के अधिकारी, हरप्रीत सिंह को उस पराली को जलाने के लिए मजबूर किया. जिसे जलाने से रोकने के लिए वह अपनी फिल्ड ड्यूटी में थे.
एसएसपी खुराना ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रासंगिक वर्गों के तहत एक एफआईआर को इस मामले में दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि हमने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की है. कुल 7 व्यक्तियों को एफआईआर में नामित किया गया है. अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. खेत का स्वामित्व राम सिंह के पास था. इसके अलावा, स्पॉट में मौजूद यूनियन के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है. पुलिस इस मामले में छापेमारी कर रही है.
पंजाब और हरियाणा के कृषि राज्यों के कुछ हिस्सों में पराली जलाना व्यापक रूप से प्रचलित है. यह धान, गेहूं, आदि जैसे अनाज की कटाई के बाद छोड़े गए पराली को आग लगाने की एक प्रक्रिया है. खेत के अवशेषों को जलाने की प्रक्रिया उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है. जिससे हवा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता था. जोकि एक राजनीतिक मुद्दा भी है. खासतौर से साल के इन महीनों में हवा की गुणवत्ता और बिगड़ जाती है. पराली जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की बात कही जाती रही है.