बेंगलुरु :कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार के विवादास्पद फैसलों की समीक्षा करेगी. उन फैसलों में पाठ्यपुस्तक संशोधन, धर्मांतरण विरोधी कानून और गोहत्या कानून शामिल हैं. हिजाब विवाद पर उन्होंने कहा कि हम इसके कानूनी पहलू (हिजाब मुद्दे) पर गौर करेंगे और फैसला करेंगे. उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि सरकार के एक फैसले के कारण लगभग 18,000 छात्र स्कूलों से बाहर हो गए हैं. यदि न्यायपालिका कानून बनाती है, तो विधायकों को क्या करना चाहिए? अगर हमारा कानून खराब है, तो अदालतों को हस्तक्षेप करने दें.
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक को पटरी पर लाने के लिए कोई भी कार्यकारी आदेश, बिल या अध्यादेश जो प्रतिगामी है, उसकी समीक्षा की जाएगी. कांग्रेस विधायक ने कहा कि पाठ्यपुस्तक संशोधन, धर्मांतरण विरोधी कानून, गौहत्या विरोधी कानून और भाजपा द्वारा पेश किए गए अन्य सभी कानूनों की कांग्रेस सरकार द्वारा समीक्षा की जाएगी. राज्य की आर्थिक समृद्धि और कन्नडिगों के हितों की रक्षा के लिए निर्णय लिया जाएगा. नई सरकार ने सोमवार को भाजपा द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के लिए भुगतान रोकने का फैसला किया था.
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पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री बीसी नागेश द्वारा लागू विवादास्पद स्कूल पाठ्यपुस्तक संशोधनों पर कांग्रेस नेताओं और शिक्षाविदों ने 'शिक्षा के भगवाकरण' के आरोप लगाए थे. शिक्षाविदों और शिक्षा विशेषज्ञों ने इस बारे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखा है. उनमें से एक, वीपी निरंजनाराध्या ने अपने विवादास्पद प्रमुख रोहित चक्रतीर्थ सहित पैनल के सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ स्कूल्स इन कर्नाटक (KAMS) के अध्यक्ष डी शशिकुमार ने भी सिद्धारमैया को पत्र लिखकर मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से बदले गए पाठ को वापस लेने के लिए कहा है. इससे पहले भाजपा नीत सरकार ने 'द कर्नाटक प्रिवेंशन ऑफ स्लॉटर एंड प्रिजर्वेशन ऑफ कैटल एक्ट, 2020' भी पारित किया था. यह गो हत्या के लिए कड़े दंड का प्रावधान करता है और पुलिस को कहीं भी तलाशी लेने और सामानों की जब्ती करने की शक्ति प्रदान करता है.